रांचीः हादसों को रोकने के लिए सड़कों पर स्पीड ब्रेकर (Speed breakers), जिन्हें आम तौर पर ठोकर कहा जाता है, बनाए जाते हैं, लेकिन अगर यही स्पीड ब्रेकर हादसों का कारण बन जाएं तो क्या तो इसे क्या कहा जाए। सड़कों पर बेतरतीब ढंग से लगे स्पीड ब्रेकर लोगों की खुशहाल जिंदगी पर मौत का ब्रेक लगा रहे हैं।
लगातार हो रहे हादसे
खूंटी जिले में कई ऐसी सड़कें हैं, जहां बड़ी संख्या में बेतरतीब तरीके से गड्ढे बनाये गये हैं, जो आये दिन दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। उदाहरण के तौर पर खूंटी-तोरपा रोड को लेते हैं। इसके बीच की दूरी लगभग 28 किमी है और इतनी कम दूरी में लगभग 30 ब्रेकर हैं। इसके चलते आए दिन लोग इसका शिकार हो रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही तोरपा के दो शिक्षक निरजंन सिंधु बेनहारा और मुस्कू बड़ाईक की जान इसी स्पीड ब्रेकर के कारण चली गयी थी।
तोरपा से खूंटी के बीच इतने अधिक ब्रेकर बनाने काई मतलब नहीं है। अगर हम तोरपा और खूंटी के बीच ठोकरों की गिनती करें तो दो ठोकरें कुजंला गांव के पास और दो ठोकरें मुंडा कुंजाला गांव के पास बनी हैं। इसी तरह रिलायंस पेट्रोल पंप के पास दो, बनई नदी के दोनों तरफ दो, बिचना गांव के पास दो, अंगराबाड़ी में तीन, डोडमा में तीन, चुरगी पेट्रोल पंप के पास एक, डायनकेल गांव के पास एक, तोरपा रेफरल अस्पताल के पास एक, देवी मंडप के पास एक, नगर भवन के पास एक, स्टेट बैंक के पास एक, पोस्ट ऑफिस के पास एक, तोरपा थाना के पास एक, ब्लॉक ऑफिस के पास एक, कर्रा रोड के पास दो और तोरपा पेट्रोल पंप के पास दो ब्रेकर का निर्माण किया गया है।
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मानकों का नहीं हुआ पालन: संतोष जायसवाल
सड़कों पर स्पीड ब्रेकर के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संतोष जयसवाल का कहना है कि स्पीड ब्रेकर के निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया है। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। तोरपा के व्यवसायी रोशन जायसवाल कहते हैं कि जहां स्पीड ब्रेकर बनाये जाते हैं, वहां रंबल स्ट्रिप समेत कई तरह के सिग्नल देने का प्रावधान है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। रामाशीष महतो का कहना है कि अगर मानक के अनुरूप स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराया जाये तो काफी हद तक दुर्घटना को रोका जा सकता है।
क्या है नियम
इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के अनुसार, आदर्श स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई दस सेंटीमीटर, परवलयिक लंबाई 3.7 मीटर होनी चाहिए। वाहन चालकों को सचेत करने के लिए स्पीड ब्रेकर आने से 40 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड लगाना चाहिए, ताकि गति नियंत्रित हो सके। स्पीड ब्रेकरों पर सफेद व काले रंग से पट्टियां बनाई जाएं, ताकि वाहन चालकों को रात में भी ब्रेकर का पता आसानी से चल सके।
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