लोक सभा अध्यक्ष बोले- मर्यादित चर्चा के केंद्र बनें विधानमंडल, न हो कोई व्यवधान

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Speaker of Lok Sabha said – Legislature should

 

गंगटोकः लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि चर्चा संवाद ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विधानमंडल, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच के रूप में मर्यादित चर्चा संवाद के ऐसे केंद्र बनें, जिनमे कोई व्यवधान ना हो। उसी दशा में हमारी जनता की लोकतंत्र में, लोकतांत्रिक संस्थाओं में आस्था बढ़ेगी और हमारा लोकतंत्र मज़बूत होगा।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज गंगटोक, सिक्किम में सीपीए भारत क्षेत्र के 19वें वार्षिक जोन III सम्मेलन का उद्घाटन किया। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष और सीपीए भारत क्षेत्र जोन-III के अध्यक्ष पासंग डी. सोना, सिक्किम विधान सभा के अध्यक्ष अरुण कुमार उप्रेती, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी, संसद सदस्य, सिक्किम विधानमंडल के सदस्य और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए ।

संसद और विधानसभाओं को जनता व नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाने के विषय पर बिरला ने कहा कि आज जिस तरह से आईटी के माध्यम से संसद और विधायिका और जनता के बीच में सक्रिय भागीदारी बढ़ी है, वह उल्लेखनीय है। लेकिन हमें और सक्रिय भागीदारी निभानी है। डिजिटल संसद का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि प्रौद्योगिकी की सहायता से विधायिका के काम काज को जनता तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से उनके साथ संवाद किया जा रहा है। उन्होंने कानून बनाने की प्रक्रिया में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया ताकि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुसार कानून बनाए जा सकें।

बिरला ने उत्तर पूर्वी राज्यों की आर्थिक क्षमता पर कहा कि यहाँ पर्यटन की, अक्षय उर्जा की, ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में तथा हैन्डीक्राफ्ट के क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी रणनीति की परिकल्पना की जाए कि किस प्रकार हम यहाँ के लोगों के कौशल को, उनके हुनर को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार से जोड़ें ताकि इस पूरे क्षेत्र में समृद्धि आए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा जिस समृद्ध, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा गया था, हम उसका निर्माण करेंगे।

बिरला ने आगे कहा कि सीपीए भारत क्षेत्र का ज़ोन 3 अत्यंत महत्वपूर्ण मंच है। यह एक ऐसा सक्रिय जोन है, जिसमें लगातार कई विषयों और मुद्दों पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के विधायकों के साथ चर्चा और संवाद होता है और इस चर्चा संवाद के माध्यम से कई विषयों पर एक सर्वमान्य हल निकलता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के इन विधान मंडलों के माध्यम से और जनप्रतिनिधियों के साझा प्रयासों से इन क्षेत्रों के आर्थिक, सामाजिक जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है।

यह जिक्र करते हुए कि दुनिया ने कोविड महामारी के दौरान डिजिटल वर्ल्ड को अपनाना शुरू कर दिया था, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बताया कि भारतीय संसद ने भी भविष्य की तैयारी के लिए डिजिटलीकरण की ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि विधायी निकायों के साथ जनता का संपर्क बढ़ाने के लिए नए आईटी सुधार किए जा रहे हैं। डिजिटल संसद ऐप और राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन इस दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं।

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