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सपा के घोषणा पत्र पर बीजेपी का तंज, कहा- हिंदुओं से डर रहे अखिलेश यादव

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लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) ने गुरुवार को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया, जिसमें भोजन का अधिकार, महंगाई से मुक्ति और सामाजिक समरसता की बात की गई है, लेकिन मुसलमानों का कहीं जिक्र नहीं है। इसे हिंदू ध्रुवीकरण को रोकने के उपाय के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, बीजेपी ने इसे सपा का पाखंड माना है और उस पर हिंदुओं से डरने का आरोप लगाया है।

मुसलमानों के लिए कोई घोषणा नहीं

गौरतलब है कि 2014 से समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणापत्र से मुस्लिम शब्द हटा दिया है। इससे पहले 2014 में समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में नौकरियों में आरक्षण देने का वादा किया था। इतना ही नहीं, आतंकवाद के झूठे आरोप में जेल में बंद निर्दोष मुसलमानों को रिहा करने का भी वादा किया गया था, लेकिन समाजवादी पार्टी की इस घोषणा के बावजूद, भाजपा ने 71 सीटों पर कब्जा कर लिया और उसकी सहयोगी अपना दल एस ने दो सीटें जीतीं। इसके बाद सपा ने मुसलमानों के लिए विशेष घोषणाएं करना बंद कर दिया।

2019 में भी समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों के लिए कोई खास ऐलान नहीं किया। 2019 में उसका बसपा के साथ गठबंधन था। इसके बावजूद 2019 में भी वह सिर्फ पांच सीटें ही जीत सकी। अब फिर 2024 के घोषणापत्र में समाजवादी पार्टी ने बड़ी चालाकी से मुसलमानों के लिए कोई खास घोषणा नहीं की है। हालांकि, माना जा रहा है कि गाजीपुर से अफजाल अंसारी को टिकट देकर अखिलेश यादव की मुस्लिम वोटों को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति है।

बीजेपी ने कसा तंज

इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह का कहना है कि एक बार मुख्तार और अफजाल अंसारी को अपनी पार्टी में लेने के कारण अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया था। कोई मुसलमान उसे कैसे भूल सकता है? अब अखिलेश यादव घर जाकर मुख्तार अंसारी की मौत पर संवेदना जता रहे हैं। राजनीति में नेता इसी तरह अपने भाव बदलते रहते हैं। यह चुनावी हथकंडा से ज्यादा कुछ नहीं है।

इस बीच बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि जनता विपक्ष की चाल और चरित्र को समझ चुकी है। मुसलमान भी उनके धोखे में आने वाले नहीं हैं। जो लोग कभी हिंदू शब्द बोलने से डरते थे वे अब जनेऊ दिखाने लगे हैं। किसी ने कृष्ण-परशुराम का मंदिर बनवाना शुरू कर दिया है।

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गौरतलब है कि सपा के घोषणापत्र में गरीबों को भोजन का अधिकार, महंगाई से मुक्ति का अधिकार, गरीबी से बाहर निकलने का अधिकार, सुरक्षित वातावरण में रहने का अधिकार, 24 घंटे बिजली का अधिकार, शिक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार, बेहतर सार्वजनिक परिवहन का अधिकार, सुविधाजनक तरीके से एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार की बात की गई है।

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