कानपुरः प्रदेश में रूक-रूककर हो रही बारिश के चलते मौसम तो सुहावना बना हुआ है, लेकिन उमस भरी गर्मी से लोगों को अभी भी राहत नहीं मिल रही है। लोग पसीने से तर-बतर हो रहे हैं और आसमान में काले बादलों को निहार रहे हैं, पर बारिश होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि अब बंगाल की खाड़ी में जिस तरह से मौसमी गतिविधियां बन रही हैं, उससे संभावना है कि कानपुर मण्डल सहित उत्तर प्रदेश में आगामी 48 घंटे के अंदर अच्छी बारिश हो सकती है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम भागों के ऊपर शीघ्र ही बहुप्रतीक्षित निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है जो क्षोभमंडल की मध्य परतों तक फैला हुआ है। दक्षिण ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्रप्रदेश से दूर, इसी क्षेत्र में 48 घंटे के भीतर अगस्त का पहला निम्न दबाव क्षेत्र बनने की उम्मीद है। यह मौसम प्रणाली जल्द ही अच्छी तरह से प्रभावी हो जाएगी और बनने के लगभग 24 घंटे बाद ओडिशा तट को भी पार करेगी। निम्न दबाव का क्षेत्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कानपुर मण्डल सहित उत्तर प्रदेश में 18 या 19 को पहुंच जाएगा। मौसमी सिस्टम की परिधि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में मौसम की गतिविधियों को भी प्रभावित करेगा। सिक्किम और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर भारत में भी अगले तीन दिनों तक भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी।
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इस तरह रहेंगी मानसूनी गतिविधियां
मानसूनी ट्रफ रेखा का पूर्वी छोर पहले ही दक्षिण की ओर अपनी सामान्य स्थिति में आ गया है। हालांकि, पश्चिमी छोर तलहटी के करीब बना रह सकता है और 48 घंटें के बाद दक्षिण की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जब 18 अगस्त को मध्य प्रदेश में निम्न दबाव बढ़ जाएगा। निम्न दबाव वाले क्षेत्र के स्थान के आधार पर मॉनसून ट्रफ रेखा अपनी स्थिति बदलती रहेगी। तदनुसार, 16 से 20 अगस्त के बीच पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र समेत देश के पूर्वी और मध्य भागों में पूर्व से पश्चिम की ओर मौसम की स्थितयां भी बदल जाएगी। 18 अगस्त से समानांतर रूप से, उत्तर प्रदेश राज्य, पूर्वी राजस्थान, उत्तरी गुजरात, दिल्ली और उत्तराखंड में 18 और 22 अगस्त के दौरान सक्रिय मानसून की गतिविधियां देखी जाएगी।