Sonipat fire accident: नेशनल हाईवे-44 पर सोनीपत के कुमासपुर गांव के पास एपेक्स ग्रीन सोसायटी के सी-टावर में शनिवार आधी रात को अचानक आग लग गई। जिस वक्त आग लगी उस वक्त टावर में पचास से ज्यादा लोग मौजूद थे। जिनमें से अधिकतर लोग सो रहे थे। अचानक लगी आग से लोगों में अफरा-तफरी मच गयी। इस टावर में 14 मंजिल तक घर बने हुए हैं।
भगदड़ में कई लोग हुए जख्मी
घटना की जानकारी मिलते ही सोनीपत और आसपास के इलाकों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। आग इतनी भयानक थी कि कुछ ही देर में इसने पूरे टावर को अपनी चपेट में ले लिया। बहालगढ़ पुलिस और सोनीपत फायर ब्रिगेड की टीम ने लोगों को फ्लैट से बाहर निकालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। इस भगदड़ में कई लोगों को मामूली चोटें भी आई हैं।
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आठवीं मंजिल पर फंसा था परिवार
इसी बीच दमकल कर्मियों को पता चला कि टावर की आठवीं मंजिल पर एक परिवार फंसा हुआ है। जिसमें बच्चों समेत पांच लोग शामिल हैं। अग्निशमन विभाग के पास केवल दो मंजिल तक ही सीढ़ियाँ थीं। कर्मचारी नीचे से आग बुझाने का प्रयास करते रहे। आनन-फानन में दिल्ली से हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मंगाया गया और उसकी मदद से आग में फंसे परिवार को बाहर निकाला गया।
इस दौरान आग के धुएं से दम घुटने और बचाव की जद्दोजहद से परिवार के सदस्यों की हालत बिगड़ गई। जिन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। अग्निशमन विभाग के सहायक मंडल अधिकारी राजेंद्र सिंह दहिया और बहालगढ़ थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार के अनुसार आग पर काबू पा लिया गया है।
डिजिटल लॉक नहीं कर रहा था काम
थाना प्रभारी ने बताया कि आठवीं मंजिल पर रहने वाला एक युवक, उसकी गर्भवती पत्नी और आठ साल की बेटी आग में फंस गए। परिवार ने डिजिटल लॉक वाला दरवाजा लगवाया था। आग लगते ही दरवाजे के डिजिटल लॉक ने काम करना बंद कर दिया और दरवाजा नहीं खुल सका। जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अग्निशमन विभाग के कर्मचारी किसी तरह अन्य टावरों के माध्यम से उस मंजिल तक पहुंचे और परिवार को बचाया।
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