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Maha Kumbh 2025: मनोहर लाल बोले- समाज में एकता व समरसता का प्रतीक है कुंभ

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Maha Kumbh 2025: केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन भारतीय समाज की एकता, समरसता और सद्भावना का प्रतीक है। हम सब एक दूसरे के सहयोग से अपने देश को हर दिशा में प्रगति की ओर ले जा सकते हैं।

Maha Kumbh 2025: वैदिक मंत्रों से हुआ मनोहर लाल का स्वागत

महाकुंभ हमें धर्म, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है। रविवार को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल महाकुंभ के दौरान अरैल स्थित परमार्थ निकेतन शिविर में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले परमार्थ निकेतन शिविर में पहुंचने पर मनोहर लाल का पुष्प वर्षा, वैदिक मंत्रों और शंख ध्वनि के साथ स्वागत किया गया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्वामी चिदानंद सरस्वती से विशेष मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इस मुलाकात में देश की शांति, समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के विषयों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य हरियाणा को प्रदूषण मुक्त बनाना और पर्यावरण को बचाना है। यह हमारी सरकार का लक्ष्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

Maha Kumbh 2025: श्रद्धालुओं से की अपील

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि महाकुम्भ मात्र एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह एक महान अनुष्ठान है, जो हमारे अन्तःकरण को शुद्ध कर सभी को जोड़ता है, तथा हमें स्वावलंबन, समरसता और राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्तमान में केन्द्र और राज्य सरकारें पर्यावरण संरक्षण के लिए अद्भुत कदम उठा रही हैं। महाकुम्भ में पूज्य संतगण धार्मिक और आध्यात्मिक प्रगति के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि हमारा पर्यावरण स्वस्थ और सुरक्षित रहे। हम सभी को मिलकर स्वच्छता और हरित भारत की ओर बढ़ना है।

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स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति और महाकुम्भ की विशिष्टता का बहुत ही सरलता से वर्णन किया। स्वामी जी ने कहा कि परमार्थ शिविर में प्लास्टिक का उपयोग न्यूनतम किया गया है और वे सभी से जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन शिविर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कपड़े के थैले वितरित किये जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालु संगम क्षेत्र में भ्रमण और संगम स्नान के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें। गंगा तट पर गंगा आरती के दौरान मंत्रोच्चार, शंखनाद और दीपमालिका प्रज्ज्वलित कर पूरे वातावरण को और भी दिव्य बना दिया। केंद्रीय मंत्री ने परमार्थ त्रिवेणी पुष्प आश्रम और प्लास्टिक मुक्त इको फ्रेंडली महाकुंभ शिविर का भी दौरा किया।

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