Tuesday, October 22, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशरेलवे द्वारा आयोजित ग्रुप-डी की परीक्षा में सॉल्वर गैंग का खुलासा

रेलवे द्वारा आयोजित ग्रुप-डी की परीक्षा में सॉल्वर गैंग का खुलासा

लखनऊ: प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और नकल कराने में शामिल एक बड़े ग्रुप का भंडाफोड़ हुआ है। बुधवार को उत्तर प्रदेश एसटीएफ को इस मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद क्षेत्र के अन्तर्गत आरडी इंजीनियरिंग कालेज दुहाई में रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा संचालित ग्रूप-डी की परीक्षा में परीक्षा केन्द्र मेें लैब टेक्निशियन के माध्यम से परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार लोगों में गिरोह का सरगना बागपत निवासी आशीष कुमार व सहयोगी गाजियाबाद निवासी विपिन, गाजियाबाद निवासी रूपक उर्फ रेवती शरण, मुरादनगर निवासी प्रदीप पवॉर, गाजियाबाद निवासी सचिन मलिक, गाजियाबाद निवासी शामिल हैं। इनके पास से 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए।

परीक्षा की जिम्मेदारी एसटीएफ की थी –

रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप-डी की आनॅलाइन परीक्षा को सकुषल सम्पन्न कराये जाने हेतु एसटीएफ को निर्देशित किया गया था। इसके अनुपालन में मेरठ एसटीएफ फील्ड यूनिट के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीमें गठित कर अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

दो टीमों को मिली गिरफ्तारी की जिम्मेदारी –

एसटीएफ की टीम को मुखबिर एवं इलेक्ट्रानिक्स माध्यमों से जानकारी हाथ लगी कि गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित परीक्षा केन्द्र आरडी इंजीनियरिंग कालेज में आयोजित रेलवे ग्रुप-डी आनॅलाइन परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल कर पेपर हल कराया जा रहा है। सूचना मिलते ही एसटीएफ के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया। मंगलवार 6 सितम्बर को एक टीम निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में उपनिरीक्षक अरूण निगम, उ0नि0 संजय कुमार, हेड कान्स0 दीपक कुमार, हे0कां0 संजय सिंह, कान्स0 भूपेन्द्र सिंह एवं दूसरी टीम उ0नि0 सुनील कुमार के नेतृत्व में हे0कां0 रकम सिंह, कान्स0 प्रदीप धनकड, कान्स0 आकाशदीप, कान्स0 महेश शर्मा एंव कान्स0 अंकित श्यौरान को रवाना किया गया।

गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित ऑर्डिनेन्स आयुध फैक्ट्री के पास पहुंचकर दोनों टीमों को इस बात की स्पष्ट सूचना मिली कि आर0डी0 इंजीनियरिंग कालेज में चल रही रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाईन परीक्षा में कुछ लोग अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल कर पेपर सॉल्व करा रहे हैं। नकल कराने वाले गिरोह के कुछ सदस्य परीक्षा केन्द्र के अन्दर तथा कुछ बाहर हैं।

स्थानीय पुलिस की ली गई मदद –

इस पर थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद पुलिस को साथ लेकर शाम छह बजकर पांच मिनट पर कालेज के गेट के पास से चार व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिन्होंने ने बताया कि परीक्षा केन्द्र के अन्दर हमारा एक साथी सचिन मलिक हैं, जो परीक्षा केन्द्र के अन्दर लैब में ड्यिूटी पर है। उसके बाद पकडे गये एक व्यक्ति को साथ लेकर परीक्षा केन्द्र मे अन्दर सिक्योरिटी गार्ड के माध्यम से सचिन मलिक उपरोक्त को बाहर बुलाकर गिरफ्तार किया गया।

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लैब टेक्निशियन ने बताया कैसे होता था गोरखधंधा –

लैब टेक्निशियन सचिन मलिक ने संक्षिप्त पूछताछ पर बताया कि मैं और मेरा साथी बागपत निवासी कपिल व उसका साला प्रदीप पवॉर उपरोक्त ने मिलकर हरियाणा के रहने वाले जयबीर व अंकित (निवासी छपरौली, बागपत) से रेलवे ग्रुप-डी की आयोजित परीक्षा की “आंसर-की” लेते हैं तथा वह परीक्षा शुरू होने के आधा घन्टा पश्चात “आंसर-की” को हमारे व्हाटसप पर भेजते हैं। इस “आंसर-की” को विपिन व रूपक के माध्यम से कालेज के अन्दर परीक्षा कक्ष में ड्यिूटी कर रहे व्यक्ति को जिन्हे रूपक ने ही कालेज स्टाफ को ड्यिूटी हेतु उपलब्ध कराया हैं, को अभ्यर्थियों को देते थे। सचिन मलिक ने यह भी बताया कि मेरी ड्यिूटी रूपक ने ही इस कालेज में लगवायी थी। रूपक परीक्षा केन्द्र में आने से पहले ही बता देता था कि आज की परीक्षा की “आंसर-की” आयेगी जिसे मैं बाथरूम मे रख दूंगा, तुम वहां से लेकर बताये गये अभ्यर्थी तक पहंुचा देना। इसकी एवज मे मुझे 50 हजार रूपये रूपक द्वारा दिये जाते हैं।

एक पारी में नकल कराने के मिलते थे 50 हजार रूपये –

रूपक ने पूछताछ पर बताया कि मैं कालेजो में मैन पावर सप्लाई करने का काम करता हूं और आरडी इंजीनियरिंग कालेज दुहाई मे सचिन मलिक को मैंने ही कालेज में ड्यिूटी पर लगवाया था ताकि प्राप्त “आंसर-की” को अभ्यर्थियो तक पहंुचा सकें।

परीक्षा करावा रही कम्पनी का कर्मचारी भी गैंग में शामिल –

इसके अतिरिक्त मेरा भाई नेत्रपाल रेलवे की उक्त परीक्षा आयोजित करा रही कम्पनी टीसीएस में एग्जीक्यूटिव का कार्य करता हैं जिसकी ड्यिूटी कम्पनी की तरफ से परीक्षा केन्द्रों पर लगती रहती हैं। उसके माध्यम से भी मैं “आंसर-की” अभ्यर्थियों तक पहुंचाता हूं। जिसकी ड्यिूटी आज की परीक्षा में मुरादनगर के दुहाई क्षेत्र स्थित बीबीडीआईटी परीक्षा केन्द्र मे लगी हैं। मेरे भाई नेत्रपाल का साथी सौरभ शर्मा जो कि टीसीएस कम्पनी में हैं, उसकी डियूटी आरडी इंजीनियरिंग कालेज में हैं, से भी अपने साथ काम करने के लिए सम्पर्क किया था तथा प्रत्येक पारी में नकल कराने की एवज में 50 हजार रूपये सौरभ शर्मा को देने की बात की थी, लेकिन सौरभ शर्मा ने मना कर दिया था। रूपक के भाई नेत्रपाल जिसकी डियूटी बीबीडीआईटी दुहाई मुरादनगर परीक्षा केन्द्र मे लगी थी, उसे भी वहॉ से गिरफ्तार किया कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्व थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद पर पंजीकृत कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

  • पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट

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