हिमाचल प्रदेशः आपदा में बढ़े समाजसेवा के लिए हाथ, नोफल संस्था कर रही लोगों की मदद

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Himachal Pradesh, शिमलाः रामपुर क्षेत्र के अंतर्गत झाकड़ी से सटे समेज गांव में हुई दर्दनाक त्रासदी अपने पीछे ऐसे जख्म छोड़ गई है जो कभी नहीं भर सकते। इस प्राकृतिक आपदा में परिवार उजड़ गए हैं। बचाव दल ने 15 शव बरामद कर लिए हैं, जबकि 21 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश पिछले 10 दिनों से जारी है। लोग पथराई आंखों से अपने परिजनों की तलाश कर रहे हैं।

हर संभव मदद के लिए तैयार

इस आपदा में स्वयंसेवी संस्था नोफल एक उम्मीद जिला प्रशासन के सहयोग से सुन्नी व ततापानी में अपनी एंबुलेंस सेवाएं दे रही है। संस्था के एंबुलेंस चालक देवेंद्र शवों को सुन्नी से आईजीएमसी लाने में जिला प्रशासन की हरसंभव मदद कर रहे हैं।

नोफल एक उम्मीद संस्था के निदेशक सरदार गुरमीत सिंह का कहना है कि उनकी संस्था समेज आपदा के पीड़ितों के साथ खड़ी है और प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन की हरसंभव मदद करने को तैयार है। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से कई जनहित के कार्य किए जा रहे हैं। इनमें कैंसर रोगियों और उनके तीमारदारों को लंगर और दूध उपलब्ध कराना, गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाना, गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन उपलब्ध कराना और बेघर लोगों को आश्रय देना शामिल है।

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बाढ़ ने समेज गांव को तबाह कर दिया, 36 लोग लापता

31 जुलाई की रात कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल में श्रीखंड पहाड़ी पर बादल फटने के बाद शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र के समेज में भारी तबाही मची थी। बाढ़ ने कई घरों, डिस्पेंसरियों और अस्पतालों को बहा दिया। इस हादसे में 36 लोग लापता हैं। बचाव दल ने अब तक 15 शव बरामद किए हैं, जबकि 21 की तलाश अभी भी जारी है। अधिकांश शव समेज से कई किलोमीटर दूर सुन्नी बांध से बरामद किए जा रहे हैं। बचाव दल 1 अगस्त की सुबह से ही लोगों की तलाश कर रहे हैं। राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की राहत राशि और किराए पर आवासीय सुविधाओं के लिए 5,000 रुपये देने की घोषणा की है।

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