नई दिल्लीः पौष्टिकता से भरपूर बेर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाने, रक्त प्रवाह को ठीक करने और कैंसर से भी लड़ने में सहायक है। इसका अचार या मुरब्बा बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। बेर में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, थ्रियामिन, विटामिन ए , विटामिन बी6, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्निशियम, फास्फोरस के साथ ही अन्य अनेक पोषक तत्व भी पाये जाते हैं। प्रतिदिन सही मात्रा में बेर का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे अनेक रोगों से निदान मिलता है।
बेर में कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा अच्छी होती है। जो हड्डियों के दर्द को दूर कर और उन्हें मजबूत करने में सहायक होते है। बेर में फाइबर मौजूद होने के कारण यह वजन को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। इसको खाने से भूख का एहसास कम होता है। बेर के अर्क में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में रक्त संचार को बढ़ावा देने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें पाया जाने वाला नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त प्रवाह और रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। अमीनो एसिड, बायो एक्टिव पदार्थ और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव, मानव कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ आवश्यक माने गए हैं। बेर में इनका मौजूद होना बताता है कि इसका सेवन कैंसर की रोकथाम के लिए प्रभावी हो सकता है।
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बेर की चाय का उपयोग अनिद्रा दूर करने के लिए किया जा सकता है। यह मन को शांत करता है और मानसिक तनाव से राहत देता है। इसमें सैपोनिन्स नामक तत्व पाया जाता है, जो अनिद्रा को दूर कर सकता है। इसके अलावा यह हृदय को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। फाइबर से भरपूर बेर ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है। साथ ही फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करता है। इसके अलावा इसमें ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के खिलाफ लड़ने के लिए न्यूरो प्रोटेक्शन गुण पाए जाते हैं, जो दिमाग को शांत रखने में कारगर होता है।