धर्मशाला: तिब्बती महिला एसोसिएशन की सदस्यों ने रविवार को तिब्बतियों के राष्ट्र विद्रोह की 64वीं वर्षगांठ स्मरण दिवस पर चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ मैकलोड़गंज से लेकर धर्मशाला तक रैली निकाली और चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। अपने 64वें जनक्रांति दिवस के मौके पर तिब्बती समुदाय के सैकड़ों तिब्बती महिलाओं ने धर्मशाला में चीन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान मैकलोड़गंज से लेकर धर्मशाला तक एक रैली निकाली। तिब्बत की आजादी को लेकर चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान तिब्बती समुदाय ने चीन की जेलों में बंद तिब्बतियों को रिहा करने की मांग की। इसके बाद समुदाय की महिलाएं एवं विभिन्न तिब्बती महिला संगठनों के लोगों ने मैकलोड़गंज से धर्मशाला तक चीन के खिलाफ विरोध रैली निकालते हुए स्वतंत्रता की मांग रखी।
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वहीं, निर्वासित तिब्बत संसद ने इस अवसर पर जारी वक्तव्य में कहा कि तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों की चीन की दमनकारी नीतियों सहित कई तरह की यातनाओं को सहना पड़ रहा है। ऐसे में अपने देश की आजादी की जंग में विद्रोह करते हुए कई तिब्बती चीनी सेना ने मार दिए हैं। आज उन बलिदानियों को भी तिब्बती समुदाय याद कर रहा और तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों का विरोध कर रहा है। वहीं इस दौरान उन्होंने धर्मगुरू दलाई लामा की लंबी उम्र की कामना भी की।
उन्होंने कहा कि तिब्बत में चीन वहां की कला संस्कृति व ऐतिहासिक धरोहरों के साथ छेड़छाड़ करके उन्हें समाप्त कर देना चाहता है। तिब्बत में वहां के लोग नरक जैसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। तिब्बती की आजादी के लिए वीर तिब्बती महिला पुरुष बलिदान दे रहे हैं, उन सभी को तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह के दिन याद किया जाता है।
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