लखनऊः लखीमपुर की घटना को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बुधवार को यहां कहा कि तीन अक्टूबर को किसान आंदोलन के दौरान हुई घटना के बाद लखीमपुर के हालात बहुत ही तनावपूर्ण हो गये थे।
सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए इंटरनेट सेवा रोक दी गई थी। राजनेताओं को जाने से रोक दिया गया था। ऐसी संभावनाएं जताई गई थी कि अगर राजनेताओं को वहां जाने दिया जाता तो स्थिति नियत्रंण से बाहर हो सकती थी। इसलिए प्रशासन ने किसी भी दल के नेताओं को जनपद में प्रवेश नहीं करने दिया था।
एडीजी लॉ एण्ड आर्डर ने बताया कि हिंसा के चार दिन बाद अब लखीमपुर में हालात सामान्य हो चुके हैं। शासन ने पांच-पांच व्यक्तियों को लखीमपुर जाने की इजाजत दे दी है, जो कोई भी वहां जाना चाहता है वह अब जा सकता है। राज्य सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए थे। शासन से अनुमति मिलने के बाद बुधवार को राहुल गांधी अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जनपद को रवाना हो चुके हैं।
नहीं बख्शे जायेंगे आरोपी
एडीजी ने कहा कि इस घटना की जांच को लेकर एक कमेटी बनायी जा चुकी है, जिसमें दो एडिशनल एसपी, दो सीओ, एक एसएचओ और तकनीकी स्टाफ है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच करेगी और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। कहा कि पुलिस ने भी स्थानीय लोगों से इस घटना से जुड़े फोटो और वीडियो मांगे हैं ताकि जांच में आसानी हो सके। इस घटना से जुड़े सार्वजनिक हुए वीडियो को संज्ञान में लेकर जांच जारी है।