Saturday, December 21, 2024
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Homeअन्यक्राइमइंस्टाग्राम पर दोस्ती कर 11वीं की छात्रा से गैंगरेप, एसआईटी गठित

इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर 11वीं की छात्रा से गैंगरेप, एसआईटी गठित

Ajmer News : इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर 11वीं की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अजमेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक लता मनोज कुमार ने एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले अजमेर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में विभिन्न हिंदूवादी सामाजिक संगठनों और वकीलों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर एसआईटी गठित कर आरोपियों को हर हाल में सजा दिलाने की मांग की। अजमेर भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रमेश सोनी के नेतृत्व में कई कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया।

अश्लील फोटो से करता था ब्लैकमेल

इस मामले में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और विधायक अनिता भदेल ने एक दिन पहले ही अपना रोष जताते हुए आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने तक की बात कही थी। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र विश्नोई ने खुद मामले का खुलासा करते हुए बताया कि क्रिश्चियनगंज थाने की शुरुआती जांच बता रही है कि यह पूरा गिरोह हो सकता है, जो स्कूल, कॉलेज और कोचिंग की छात्राओं को अपने जाल में फंसाकर उनकी अश्लील तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करता है। क्योंकि इसकी शुरुआत भी एक छात्रा ने ही आरोपी की इंस्टाग्राम आईडी अपनी सहेली को देकर की थी।

पुलिस ने आरोपी रातीडांग निवासी 19 वर्षीय इरफान और उसके फोटोग्राफर दोस्त 23 वर्षीय अरबाज को भी गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी पोर्न फिल्म देखने और नशे के आदी हैं। ये आरोपी स्कूली लड़कियों के साथ अजमेर में विवादित सेवन वंडर्स स्मारक के आसपास स्थित कुछ स्ट्रीट रेस्टोरेंट में भी जाते थे। आरोपी अरबाज ने खुद पुलिस को बताया कि सेवन वंडर्स पार्क के बाहर फोटोग्राफी के दौरान दूसरे शहरों के लोगों के अलावा अजमेर की स्कूली छात्राएं और अन्य लड़कियां भी आती हैं। ज्यादातर लोग उसके साथ फोटो खिंचवाकर यादगार बनाते हैं। अरबाज फोटो भेजने के बहाने लड़कियों के मोबाइल नंबर ले लेता था। बाद में लड़कियों से दोस्ती कर उनके सोशल मीडिया पासवर्ड ले लेता था और फिर उनकी न्यूड फोटो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करता था। आरोप है कि वह लड़कियों के नंबर गिरोह के अन्य सदस्यों को भी भेजता है और उन्हें ब्लैकमेल करवाता है।

मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़िता का पिता इरफान और अरबाज समेत 6 लोगों के खिलाफ अपनी नाबालिग बेटी को ब्लैकमेल करने और सामूहिक दुष्कर्म करने की शिकायत लेकर क्रिश्चियनगंज थाने पहुंचा। पुलिस ने 30 मई 2024 को मामला दर्ज किया है। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल फोन से काफी डाटा गायब मिला है। इसे रिकवर करने के बाद पता चलेगा कि और कितने छात्रों को ब्लैकमेल किया जा रहा था और गिरोह में कितने लोग शामिल हैं। गौरतलब है कि यह अजीब संयोग है कि 32 साल पहले अजमेर में भी इसी तरह की ब्लैकमेलिंग की घटना हुई थी। पुलिस को मजबूरन 30 मई 92 को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी थी।

पुलिस पर अगले ही दिन यानी 31 मई को जांच सीआईडीसीबी को सौंपने का तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत का दबाव था। अजमेर पुलिस को मामले की जानकारी होने के बाद भी वह अपराधियों को बचाने और उन्हें सबूत मिटाने के लिए पर्याप्त समय देने में जुटी रही। इसके पीछे एक वजह यह भी थी कि पुलिस अधिकारियों ने खुद सरकार को यह संदेश दे दिया था कि इस मामले में अजमेर के अच्छे परिवारों की हिंदू लड़कियों और कई कांग्रेस नेताओं समेत प्रशासनिक अधिकारियों के नाम भी ब्लैकमेलिंग मामले में शामिल होने के रूप में सामने आ सकते हैं। इस बात का डर था कि मामले में आरोपी मुस्लिम युवक अजमेर की छवि को धूमिल कर देंगे, क्योंकि वे अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के खादिम परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। यहां तक ​​कि पीड़ितों के सामने न आने का बहाना भी बनाया जा रहा था। राजस्थान की भाजपा सरकार को गुमराह किया गया कि अगर मामला उजागर हुआ तो सांप्रदायिक तनाव की स्थिति में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।

यह भी पढ़ेंः-फर्जी CBI अधिकारी बन युवक से ठगे 6 लाख रुपए, जांच में जुटी पुलिस

उस समय यह भी एक तथ्य था कि शुरू में सामाजिक और राजनीतिक संगठन दोषियों को सजा दिलाने के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे थे। अजमेर के दैनिक नवज्योति अखबार के पत्रकार संतोष कुमार गुप्ता द्वारा तस्वीरों के साथ मामले को उजागर करने के बाद राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने पुलिस और सरकार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दबाव बनाया। इस बार यह सकारात्मक बात है कि मामला उजागर होते ही शहर की पुलिस और राजनीतिक और सामाजिक संगठन सक्रिय हो गए हैं। इससे कम से कम अधिक छात्राएं ब्लैकमेलिंग का शिकार होने से बच जाएंगी। 1992 का ब्लैकमेलिंग मामला कई महीनों तक लोगों की जुबान पर रहा था।

अजमेर में नहीं दोहराई जाएगी ब्लैकमेलिंग की घटना- देवनानी

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर में नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग व अन्य अपराधों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस संबंध में अजमेर पुलिस अधीक्षक व अन्य आला पुलिस अधिकारियों से बात की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। जरूरत पड़ी तो दोषियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।”

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