नई दिल्लीः दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार छीनकर उप राज्यपाल को देने जा रही है। उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल को इतने अधिकार देने की तैयारी है ताकि वे चुनी हुई सरकार के काम को रोक सकें।
उप मुख्यमंत्री ने गुरुवार को डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने “दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम” में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस संशोधन को संसद से मंजूरी मिलने के बाद जनता द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार के पास ज्यादा पावर नहीं होगी।
सिसोदिया ने कहा कि केंद्र का यह कदम लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ है। संविधान में लिखा हुआ है कि पुलिस जमीन और पब्लिक ऑर्डर के अलावा सभी पावर दिल्ली सरकार के पास होंगे। उप मुख्यमंत्री ने 2015 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि तब भाजपा की केंद्र सरकार ने उप राज्यपाल के द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारों को कम करके यह कहा जा रहा था कि दिल्ली को केंद्र सरकार चलाएगी। उसके बाद हम सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने भी यही कहा कि तीन मामलों को छोड़कर सभी मसलों में दिल्ली सरकार निर्णय लेगी। कोर्ट ने तब यह भी कहा था कि उप राज्यपाल के पास केवल फैसलों की सूचना जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अब केंद्र की भाजपा सरकार ने संविधान को किनारे करते हुए यह फैसला किया है कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार के बावजूद उप राज्यपाल का शासन होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले दरवाजे से दिल्ली की जनता पर शासन करना चाहती है।
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उप मुख्यमंत्री आरोप लगाते हुए कहा कि बहुत ही गोपनीय तरीके से दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पावर कम करके उप राज्यपाल को देने की तैयारी की जा रही है। इस पर दिल्ली सरकार क्या कुछ कदम उठाएगी, इस सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि बातचीत करके फिर निर्णय लिया जाएगा।