उत्तर प्रदेश आस्था

मिरजापुर स्टेशन पर 108 फीट ऊंचे तिरंगे के साथ विंध्यवासिनी मंदिर का दिखेगा अक्स

मीरजापुर : जनपद आने वाले यात्रियों को अब जिले के हर प्रवेश द्वार पर विंध्यवासिनी मंदिर का अक्स दिखेगा। मीरजापुर विंध्याचल विकास प्राधिकरण की ओर से मीरजापुर (Mirzapur) के प्रवेश द्वार पर मां विंध्यवासिनी के चित्र के साथ लिखवाया गया है कि मां विंध्यवासिनी की नगरी मीरजापुर (Mirzapur) में आपका हार्दिक स्वागत है। यही नहीं, शहर में इंट्री करने पर मां विंध्यवासिनी के चित्र के साथ मंदिर का भी अक्स दिखेगा। विंध्य क्षेत्र पूरी तरह से धार्मिक व आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होगा ही, मीरजापुर में प्रवेश करते ही भक्तों को मां विंध्यवासिनी की महिमा का अहसास होने लगेगा।

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अगर आप लंबे समय से विंध्य नगरी नहीं आए हैं तो यहां आने पर न सिर्फ आप चौंकने वाले हैं, बल्कि खुद को गौरवांवित भी महसूस करने वाले हैं। अगर आप कई साल बाद मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने विंध्याचल आ रहे हैं तो आप यहां की खूबसूरत छटा से खुद को मंत्रमुग्ध होने से रोक नहीं पाएंगे। अपने प्राचीन नाम के अनुरूप विंध्याचल यानी मीरजापुर प्राचीन सभ्यता व संस्कृति का दर्शन पग-पग पर कराएगा। जितने भी कदम बढ़ाएंगे, हर कदम पर यहां की संस्कृति से पेंटिंग के माध्यम से रूबरू हो जाएंगे। चलिए चलते हैं रेलवे स्टेशन पर...। रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर 108 फीट ऊंचा तिरंगा के साथ ऐतिहासिक चुनार किला व ओझला पुल का मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा। आगे बढ़े तो संगमोहाल ओवरब्रिज पड़ेगा। ओवरब्रिज से नीचे उतरने पर पथरहिया की ओर बढ़े तो मंडल कार्यालय विकास भवन पड़ेगा। इसके ठीक सामने ओवरब्रिज की दीवार पर मां विंध्यवासिनी के चित्र के साथ मंदिर का भी अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। वैसे विंध्य क्षेत्र तो धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। अगर मीरजापुर (Mirzapur) में समय बिताया जाए तो यहां चुनार किला, घंटाघर के अलावा कई ऐतिहासिक धरोहरें भी देखने को मिलेंगी।

बदल रही तस्वीर -

मीरजापुर (Mirzapur) के विकास को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ का जो सपना है, वह जल्द ही मूर्तरूप लेगा। दरअसल, सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कारिडोर 2023 तक साकार होगा। योगी सरकार मीरजापुर की पूरी तस्वीर को ही बदलने में जुट गई है। यूं तो पूरे शहर के सड़कों का चौड़ीकरण और चौराहों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। साथ ही मीरजापुर के हर कोने को पेंटिंग से सजाया और संवारा जा रहा है।

रोजाना आते हैं हजारों लोग -

विंध्याचल में रोजाना हजारों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़े तो पर्यटन के साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। धार्मिक यात्रा पर आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने पहुंचते हैं। मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के बाद विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली का दर्शन करना नहीं भूलते। यहां पहुंचने पर विंध्य-गंगा के साथ हरी-भरी वादियों का विहंगम दृश्य देख विभोर हो जाते हैं। अब तो विंध्य-गंगा के विंहगम दृश्य को निहारने का साधन भी है। ऐसे में श्रद्धालु 265 फीट ऊंचे रोप-वे से हवा में उड़ान भरते हैं तो लंगूर अथवा बंदरों का उछल-कूद व पक्षियों का कलरव सुकून पहुंचाता है।

यह रास्ते आते हैं मीरजापुर -

- मीरजापुर-वाराणसी मार्ग

- मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग

- मीरजापुर-सोनभद्र मार्ग

- मीरजापुर-औराई मार्ग

- मीरजापुर-रीवां मार्ग

- मीरजापुर-गोपीगंज मार्ग

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