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नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए जैन तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर रोक लगा दी है। बता दें कि झारखंड समेत पूरे देश में जैन समाज के लोगों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। केंद्र सरकार ने जैन तीर्थस्थल को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर रोक के साथ ही राज्य सरकार को तत्काल जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये।
इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया था। उन्होंने पत्र में कहा था कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा उक्त स्थल की पवित्रता व शुचिता को बनाये रखने के लिए गिरिडीह जिला के जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है।
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क्या था पूरा मामला –
केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पारसनाथ पहाड़ी के एक भाग को वन्य जीव अभयारण्य और इको सेंसेटिव जोन घोषित किया था, जबकि झारखंड सरकार ने अपनी पर्यटन नीति में इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया था। जैन धर्मावलंबियों का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने से इस पूज्य स्थान की पवित्रता भंग होगी। यहां लोग पर्यटन की दृष्टि से आएंगे तो मांस भक्षण और मदिरा पान जैसी अनैतिक गतिविधियां बढ़ेंगी और इससे अहिंसक जैन समाज की भावना आहत होगी। इसलिए इसे तीर्थस्थल रहने दिया जाए। देश-विदेश में पिछले एक महीने के दौरान इस मांग को लेकर जैन धर्मावलंबियों के मौन प्रदर्शन का सिलसिला जारी था।
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