Kanwar Yatra : दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के मामले पर पूरा विपक्ष हुआ एक साथ, सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश

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Kanwar Yatra, लखनऊः श्रावण मास की शुरुआत से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिव भक्तों के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में कहीं भी कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर संचालक और मालिक का नाम और पहचान अंकित करनी होगी।

सख्त कार्रवाई के निर्देश

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेम प्लेट लगानी होगी। नेम प्लेट पर दुकान संचालक और उसके मालिक का नाम होगा। कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुद्धता बनाए रखने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद नहीं बेचे जाएंगे। ऐसे उत्पाद बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस को लगातार मिल रहीं थी शिकायतें

पुलिस को कई बार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लोग अपना धर्म छिपाकर कारोबार कर रहे हैं। मसलन वे रेस्टोरेंट और अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानें चला रहे हैं। वे दुकान पर हिंदू देवी-देवताओं की फोटो भी लगा रहे हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों को डर रहता है कि उन्हें अंधेरे में रखकर ऐसी दुकानों पर मांस परोसा जा सकता है। इसलिए ऐसे लोगों को अपनी दुकानों के आगे अपना नाम लिखवाना चाहिए ताकि शिवभक्त उन दुकानों पर जाएं जहां उन्हें शुद्धता और पवित्रता का भरोसा हो। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शिवभक्तों की परेशानी को समझते हुए यह कदम उठाया है।

अखिलेश और मायावती ने साधा निशाना

उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सौहार्द की दुश्मन है और वह समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढती रहती है। भाजपा की इन विभाजनकारी नीतियों के कारण प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों ही विभाजनकारी हैं, जिसे जनता समझ चुकी है।

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बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस फैसले को असंवैधानिक बताया है। मायावती ने एक पोस्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर व्यापारियों को अपनी दुकानों पर मालिक और कर्मचारियों का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने और मांस की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश पूरी तरह असंवैधानिक है। इस तरह से एक विशेष धर्म के लोगों का आर्थिक बहिष्कार करने का प्रयास अत्यंत निंदनीय है।

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