मुंबई : जैसी कि संभावना जताई गई थी, शिवसेना (Shivsena) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जगह राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करेगी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने पार्टी के सांसदों, विधायकों और आदिवासियों सहित अन्य नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद इस बात की औपचारिक घोषणा की।
ठाकरे ने कहा, सांसदों की ओर से बिल्कुल कोई दबाव नहीं है, जैसा कि मीडिया में दावा किया गया है। हालांकि, शिवसेना के कई नेताओं और आदिवासी समुदायों के पदाधिकारियों ने हमसे अनुरोध किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस समय की राजनीतिक स्थिति में वे द्रौपदी मुर्मू को समर्थन नहीं कर सकते थे लेकिन शिवसेना प्रथा परंपरा को मानने वाली पार्टी है। इसी तरह की स्थिति पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटिल तथा प्रणब मुखर्जी के चुनाव में भी हुई थी लेकिन शिवसेना प्रमुख स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे ने इन दोनों को मेरिट के आधार पर वोट देने का निर्णय लिया था। ठीक उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने भी द्रौपदी मुर्मूताई को समर्थन देने का निर्णय लिया है, यह समर्थन किसी भी तरह भाजपा के लिए नहीं है।
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बता दें कि इससे पहले संजय राऊत (Sanjay Raut) ने मंगलवार को बताया कि कल शिवसेना सांसदों (Shivsena MPs) की बैठक मुंबई में आयोजित की गई थी। बैठक में सांसद श्रीकांत शिंदे और भावना गवली को छोड़कर सभी सांसद उपस्थित थे। बैठक में कई सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने की मांग की, साथ ही कई सांसदों ने यशवंत सिन्हा के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) आदिवासी हैं, शिवसेना के कई जनप्रतिनिधि भी आदिवासी हैं इसलिए शिवसेना द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने पर विचार कर रही है।
संजय राऊत (Sanjay Raut) ने याद दिलाते हुए कहा कि इससे पहले शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव (Presidential election) के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा ताई पाटिल (Pratibha Patil) तथा प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) को मतदान कर चुकी है।
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