प्रदेश मध्य प्रदेश Featured

अलविदा-2022: आयुष विश्वविद्यालय के लिए आशा की किरण लेकर आया यह साल

भोपालः वर्ष 2022 विदा लेने से पूर्व मध्य प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय के लिए आशा की किरण लेकर आया है। शिवराज सरकार जल्द ही राज्य में विशेष आयुष विश्वविद्यालय खोलने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस वर्ष इसे खोलने की न सिर्फ सहमति दी बल्कि आवश्यक कदम उठाने के निर्देश एवं प्रारंभिक भर्ती प्रक्रिया के लिए आयुष से जुड़े अनेक पद स्थापना के आदेश जारी किए।

राज्य आयुष विभाग ने 343 सीएचओ के पद-स्थापना के आदेश जारी करने के साथ ही यह सुनिश्चित कर दिया है कि इनकी नियुक्ति हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की जाएगी। प्रदेश में राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत 562 आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार का आयुष विभाग इस वक्त 1773 आयुष औषद्यालयों के उन्नयन के कार्य में लगा हुआ है, जिनमें जो सबसे अधिक सुविधा सम्पन्न होकर सामने आएंगे उनमें आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व में ही आयुष से जुड़े समस्त अधिकारियों से कह चुके हैं कि आयुष विभाग की योजनाओं और आयुष चिकित्सा पद्धति को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जाए। आमजन को इस चिकित्सा पद्धति का अधिक लाभ मिले, इसके लिए विभाग के प्रयासों को बढ़ाया जाए। भोपाल का खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय अपनी सार्थक गतिविधियों से जाना जाता है। इस महाविद्यालय की उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिस तरह भोपाल में पंचकर्म चिकित्सा का लाभ रोगियों को मिल रहा है, इंदौर में भी आयुष सुपर स्पेशलिटी अस्पताल आगामी वर्ष तक प्रारम्भ करने के लिए सभी कार्य समय पर पूर्ण करेंगे।

मध्य प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर ‘नानो’ कावरे इस सम्बंध में कहते हैं कि मध्यप्रदेश आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। राज्य में औषधीय पौधों की बहुतायत है और जैव-विविधता से समृद्ध है। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में इन औषधीय महत्व की वनस्पति का पारम्परिक ज्ञान रखने वाली जनजातियाँ निवास करती हैं। आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान एवं आयुर्वेद दवाओं के निर्माण और प्र-संस्करण के लिए भी मध्यप्रदेश ने विशिष्ट स्थान बनाया है। ऐसे में राज्य में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिये हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में आयुष के समग्र विकास के लिए जल्द ही आयुष विश्वविद्यालय शुरू होगा। इसके लिए तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में आयुष के 1700 संस्थान हैं। इन्हें वर्ष 2047 तक बढ़ा कर पांच हजार तक पहुंचाया जाएगा।

प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के विकास के लिये आयुष विभाग द्वारा सात सरकारी आयुर्वेद महाविद्यालय और 23 निजी महाविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश के समस्त जिलों में जिला अस्पताल में एलोपैथी के साथ आयुष चिकित्सा सुविधा एक ही परिसर में उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 31 आयुष विंग संचालित की जा रही हैं। साथ ही 22 आयुष विंग को शीघ्र ही शुरू किया जा रहा है।

भोपाल में सुपर स्पेशलिटी पंचकर्म चिकित्सालय संचालित हैं। हाउसिंग बोर्ड ने हर्बल गार्डन ऑफ स्टेट इंपॉर्टेंस के कार्य के लिए वास्तुविद का चयन भी कर लिया है। प्रदेश में 10 जिला आयुष कार्यालय के भवन बनकर तैयार हो गए हैं। इसी तरह 50 औषधालय भवन और उज्जैन का महाविद्यालय भवन भी बन कर पूरा हो गया है। साथ ही 16 महाविद्यालयों में आयुष विंग प्रारम्भ की जा रही है। ग्वालियर, भोपाल और रीवा के आयुष महाविद्यालयों में शोध पीठ की स्थापना की कार्रवाई भी प्रचलित है। अमरकंटक में जनजाति एवं आयुर्वेदिक वैद्यों को उनके पारंपरिक जड़ी-बूटियों के ज्ञान के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इसी तरह से इस वर्ष में आयुर्वेद औषधीय पौधों के सर्वे का कार्य भी पूर्ण किया गया है। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने प्रदेश के चार जिले मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर और शहडोल में आयुर्वेदिक पौधों के मानकीकरण का कार्य प्रारम्भ किया है। सीहोर जिले के सलकनपुर में केन्द्र सरकार की स्वीकृति से नौ करोड़ रुपये लागत के आयुष अस्पताल की स्थापना की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है। एक नेचर पार्क की स्थापना भी की जा रही है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)