अकेले भाई का जन्मदिन मना रहे शिवपाल यादव का फिर छलका दर्द, अखिलेश को दिया अल्टीमेटम

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इटावाः पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का 82वां जन्मदिन सपा से अलग होकर नया राजनैतिक दल बना चुके प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सपा अध्यक्ष और उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने सैफई स्थित चन्दगीराम स्टेडियम में केक काटकर मनाया। इस मौके पर स्कूली छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और देश के अलग-अलग राज्यों से आये पहलवानों ने दंगल कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर शिवपाल यादव का अपने भतीजे अखिलेश यादव को लेकर एक बार फिर से दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि कई बार कोशिश करने के बाद भी अखिलेश जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने अखिलेश को एक हफ्ते का समय देते हुए बड़ा निर्णय लेने की चेतावनी दी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि सपा से गठबंधन हो न हो लेकिन प्रसपा 22 के चुनाव के बाद सत्ता में रहेगी।

शिवपाल यादव ने केक काटने के बाद मंच से कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमने तो 2019 में ही कहा था कि चलो हम ही झुक जाएंगे। आज दो साल हो गए, कोई बात नहीं बनी। उन्होंने अपने भतीजे जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक उर्फ अंशुल यादव और पूर्व सांसद तेजप्रताप पर नाराजगी दिखाते हुए कहा कि आज इन दोनों को भी यहां पर होना चाहिए था लेकिन यह लोग भी नहीं आए। अंशुल को हराने के लिए कितनी ताकतें लगी थीं लेकिन हमारी ताकत के दम पर अंशुल इटावा के निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष अध्यक्ष हो गए थे। उन्होंने कहा कि सपा की तरफ से ही चर्चाएं चली थीं कि नेता जी के जन्मदिन पर कुछ करेंगे लेकिन वह नहीं आए। हमने सोचा था कि यह दंगल ऐतिहासिक होगा लेकिन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा त्याग किया है। चाहते तो 2003 में मुख्यमंत्री बन सकते थे लेकिन मैंने नेता जी को दिल्ली से बुलाकर सीएम बनाया था। उस समय दूसरी पार्टियों के चालीस विधायक एक किए थे । उस समय 25 विधायक बीजेपी के हमारे साथ थे और सपा के 143 विधायक हमारे साथ थे। अजीत सिंह और कल्याण सिंह भी हमारे साथ थे । हम चाहते तो सीएम बन सकते थे। हमने जीवन भर त्याग और संघर्ष किया जब मायावती सीएम थीं, तब कितना अत्याचार हो रहा था। हम नेता विपक्ष थे। हमने कितना विरोध किया था सरकार का और कितना आंदोलन करना पड़ा था।

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उन्होंने कहा कि हम तो चाहते हैं कि 22 में सपा की सरकार बने । इसीलिए पिछले दो साल से लगातार कोशिश कर रहे हैं। हमने तो यहां तक कहा था कि हमारे साथ कितने लोग हैं, इसका सर्वे करवा करवाकर मेरी पार्टी का विलय कर लो या फिर गठबंधन कर लो लेकिन अब बहुत देर हो रही है । अब हमने तय किया है कि एक हफ्ते बाद अपने लोगों से राय लेने के बाद लखनऊ में बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज नेता जी के जन्मदिन के अवसर पर लोगों को काफी उम्मीदें थीं कि सब एक हो जाएंगे और हम भी चाहते हैं कि एका हो जाये और मिलकर चुनाव लड़ें जिससे भाजपा को हराया जा सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए एक हफ्ते बाद बड़ा फैसला लेंगे। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समय देश और प्रदेश में हालात ठीक नहीं हैं। इस सरकार ने झूठ बोलकर सत्ता हासिल की और एक भी वादा पूरा नहीं किया। अगर हमारे हाथ में ताकत आई तो हर परिवार में एक बेटे और बेटी को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस दौरान उनके साथ मुलायम के छोटे भाई अभयराम सिंह यादव उनके बेटे आदित्य अंकुर यादव समेत पार्टी के कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे।

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