बड़े भाई को याद कर फफक पड़े शिवपाल, कहा- नेताजी सबको साथ लेकर चले, मैं भी चलूंगा

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सैफईः प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नेताजी ने समाजवाद की नई गाथा लिखी थी। उनकी विचारधारा अमर रहेगी। नेताजी सबको साथ लेकर चलते थे, मैं भी चलूंगा। मैंने अपने जीवन में हर फैसला नेताजी के आदेश पर ही लिया। सपा के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद छोटे भाई शिवपाल सिंह बेहद दुखी हैं। मंगलवार को अंत्येष्टि के बाद बुधवार को सुबह भतीजे अखिलेश के साथ वह भी अस्थियां चुनने के लिए गए और फिर परिजनों के साथ शुद्धि संस्कार में शामिल हुए। इसके बाद मीडिया से रूबरू प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह बड़े भाई नेताजी के निधन के बाद से बेहद दुखी है। उन्होंने जो भी काम किया है वह नेताजी से हमेशा पूछकर ही किया है। इतना कहते ही वह बड़े भाई को यादकर फफक कर रो पड़े।

कुनबे में आगे क्या होगा इस पर उन्होंने कहा-यह सही वक्त नहीं है। जिम्मेदारी के सवाल पर बोले- जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे संभालूंगा। घर, परिवार, समाज और पूरे सैफई के साथ ही जिन्हें कहीं सम्मान नहीं मिला है उन्हें साथ लेकर चलूंगा। प्रसपा के भविष्य का क्या होगा इसपर बोले- यह समय नहीं है इस पर बात करने का। यह जरूर कहा जो भी निर्णय लेंगे सबके साथ और सबको साथ लेकर चलेंगे। शिवपाल यादव ने कहा, नेताजी ने मुझे पढ़ाया भी है। मुझे साइकिल पर बिठाकर स्कूल भी ले जाया करते थे। जब मुझे साइकिल चलानी आ गई थी तो मैं भी नेताजी को बिठा कर ले जाता था। शिवपाल सिंह ने कहा, हर मोर्चे पर, हर मौके पर हमने अभी तक जो भी फैसले लिए हैं, वह नेताजी के कहने पर ही लिए हैं। हमने कभी भी नेताजी की किसी बात को नहीं टाला है। कोई भी बात हो किसी भी तरह की बात हो, मैंने नहीं टाला है।

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शिवपाल यादव से जब यह पूछा गया कि क्या अब परिवार के सभी लोग इकट्ठे आ जाएंगे? इस पर उन्होंने कहा, यह वक्त अभी इन मुद्दों पर बात करने का नहीं है, जब वक्त आएगा तब देखा जाएगा। संरक्षक की भूमिका पर कहा कि जब जो जिम्मेदारी मिलेगी वह किया जाएगा। बताते चलें कि सात बार सांसद, 10 बार विधायक और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा देश के पूर्व रक्षामंत्री रहे मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमार थे और सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर बाद जन्मभूमि सैफई ग्राम लाया गया था और मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया।

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