Home आस्था इस दिन से मनाया जाएगा महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्र महोत्सव

इस दिन से मनाया जाएगा महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्र महोत्सव

उज्जैन: उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यहां विशेष अवसरों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसा ही विशेष अवसर फिर आ रहा है। आगामी 21 फरवरी से महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि महोत्सव मनाया जाएगा। दो साल के बाद महाकाल के दरबार में इस महोत्सव की धूम देखने को मिलेगी।

दरअसल, पिछले दो साल के कोरोना से बचाव के लिए लागू गाइडलाइन एवं प्रतिबंधों के चलते महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि महोत्सव नहीं मनाया गया। केवल मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजा-पाठ कर यह बगैर श्रद्धालुओं के यह उत्सव मनाये गए, लेकिन इस बार कोविड से जुड़े सभी प्रतिबंध समाप्त हो गए हैं। ऐसे में मंदिर में श्रद्घालुओं की उपस्थिति के साथ इसे पूरे उल्लास से मनाए जाने की तैयारी की जा रही है।

पूर्व के वर्षों की भांति इस बार भी शिव नवरात्रि महोत्सव के दौरान भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे। नौ दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में अवंतिकानाथ के विभिन्न रूपों में उनका श्रृंगार किया जाएगा। हालांकि, विशिष्ट पूजन क्रम के चलते भोग आरती व संध्या पूजन का समय बदलेगा। महाशिवरात्रि पर एक मार्च को महानिशा काल में महाकाल की महापूजा होगी। दो मार्च को साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती दोपहर 12 बजे से होगी।

मंदिर के शासकीय पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि कोरोना के कारण दो साल से मंदिर में सभी त्यौहार बिना श्रद्धालुओं के मनाए गए, लेकिन इस बार शिव नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाएगी, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। शिव नवरात्र उत्सव के दौरान सुबह आठ बजे नैवेद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा। इसके बाद कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर और रामेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन किया जाएगा। इसके बाद गर्भगृह में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक-पूजन होगा तथा पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मण रुद्र पाठ करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे भोग आरती होगी। दोपहर 3.00 बजे संध्या पूजन के बाद भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि शिव नवरात्रि के पहले दिन भगवान महाकाल को सोला (धोती), दुपट्टा व शीश पर चांदी का मुकुट धारण कराया जाएगा। निरंतर क्रम से भक्तों को भगवान के शेषनाग, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप तथा सप्त धान मुखारविंद में दर्शन होंगे। महाशिवरात्रि के लिए 29 फरवरी की रात तीन बजे मंदिर के पट खुलेंगे। दो मार्च की रात 11 बजे तक निरंतर 44 घंटे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे।

यह भी पढ़ेंः-सिंधिया बोले- मोदी जी के बाद दूसरा देश दिखा है, जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा

उन्होंने बताया कि देवी भक्तों के लिए जिस प्रकार चैत्र व शारदीय नवरात्र विशेष होती है, उसी प्रकाश शिव भक्तों के लिए शिव नवरात्र का विशेष महत्व होता है। इस दौरान शिव भक्त उपवास रखते हैं। महाकाल मंदिर के पुजारी भी 21 फरवरी से एक मार्च तक नौ दिन उपवास रखेंगे।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)

Exit mobile version