कृषि कानून पर बोले शेखावत-राजनीति से प्रेरित कुछ ताकतें नहीं चाहतीं बने सहमति

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जोधपुरः केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दो टूक कहा कि राजनीति से प्रेरित कुछ ताकतें तीनों कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच सहमति न बन सके, इसे लेकर पूर्ण रूप से प्रयासरत् हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपेक्षा करता हूं कि अंतत: किसान इन कानूनों के दूरगामी परिणामों और लाभ को समझेंगे।

शुक्रवार को सुबह जोधपुर से जैसलमेर पहुंचे। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जैसेलमेर प्रवास के दौरान को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि यह आंदोलन किसानों के नाम पर ऐसी राजनीतिक पार्टियों द्वारा संचालित है, जिनको जनता चुनाव की राजनीति में नकार चुकी थी। इन पार्टियों के धरातल पर सिमट जाने की संभावनाएं थीं और ये इन पार्टियों ने किसान के कंधे पर बंदूक रखकर अपने लक्ष्य को साधने का प्रयास किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि अंतत: ऐसे सारे विषयों का हल बातचीत के माध्यम से ही निकलता है। नागौर से सांसद हनुमान बेनवाल के एनडीए छोडऩे के सवाल पर शेखावत ने कहा कि उनके विषय में ठीक से वही बता सकते हैं कि वो किसके साथ हैं।

सरस्वती नदी को लेकर पूछे सवाल पर शेखावत ने कहा कि सरस्वती नदी अब भूगर्भ में है। उसके पाथवे, आदिबद्री से लेकर कच्छ तक, को चिह्नित कर लिया गया है। इसरो से लेकर अनेक संस्थानों ने उसे प्रमाणित किया है। खोज और अनुसंधान का काम पूरा हो चुका है। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच में बांध बनना है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि हम शीघ्र इस दिशा काम कर पाएंगे।

बजट में सरकार कोई योजना में कमी नहीं रखेगी
सरकार के आगामी बजट के सवाल पर शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा एक ही लक्ष्य के साथ में काम किया है कि देश के हरेक वर्ग को आगे बढ़ाना है। देश के दलित, शोषित, अभावग्रस्त लोगों के जीवन में स्थाई परिवर्तन लाकर उनका सशक्तीकरण करना है। जहां तक मेरे जलशक्ति मंत्रालय का प्रश्न है, जल जीवन मिशन के तहत देश के 19 करोड़ ग्रामीण आवासों तक साल 2024 तक हम पीने का पानी पहुंचाएंगे। बजट की कोई कमी इस योजना में नहीं आएगी।

नदी जोड़ो पर शुभ समाचार जल्द
नदी जोड़ो योजना के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस विषय पर राज्यों के बीच में सहमति बनना आवश्यक है, क्योंकि जल हमारी संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप राज्य का विषय है। राज्यों के बीच में सहमति बने, इसे लेकर हम गंभीरता के साथ प्रयास कर रहे हैं। मैं आपको इतना संकेत दे सकता हूं कि आने वाले समय में बहुत जल्द आपको शुभ समाचार मिलने वाले हैं।