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शेखावत बोले- कुम्भ को दिव्य व भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी

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Maha Kumbh 2025: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को महाकुंभ मेले के नागवासुकि क्षेत्र के सेक्टर 7 में निर्मित भारतीय सांस्कृतिक विरासत केंद्र ‘कलाग्राम’ का लोकार्पण एवं उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विविधता का ऐसा उत्सव है, जो भारत की समृद्ध विरासत एवं एकता से पूरे विश्व को परिचित कराता है। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की शक्ति, सामर्थ्य एवं भव्यता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि कुंभ विश्व के सबसे बड़े मेलों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूर्णिमा के साथ इस दिव्य समागम का उद्घाटन होगा। विविधताओं से भरे भारत की एकता के प्रतीक कुंभ में संपूर्ण भारत का विशाल स्वरूप देखने को मिलेगा।

Maha Kumbh 2025: वैश्विक पहचान के लिए प्रयास

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुंभ को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने विशेष प्रयास किए हैं। इस बार कुंभ देखने के लिए 15 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आएंगे। पर्यटन मंत्रालय ने इन विदेशी मेहमानों के लिए टेंट सिटी तैयार की है, जिसमें आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का एक प्रमुख आकर्षण कलाग्राम होगा, जहां चारों धामों का मंच प्रदर्शन, 12 ज्योतिर्लिंगों का भव्य प्रवेश द्वार, अखंड सनातन कुंभ प्रदर्शनी, 7 क्षेत्रीय संस्कृति प्रांगणों में सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक खाद्य स्टॉल, 14,630 से अधिक सांस्कृतिक कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियों और विभिन्न गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में भागीदारी के माध्यम से भारतीय व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिलेगा।

Maha Kumbh 2025: संस्कृति की विविधता का प्रतीक

कलाग्राम में देश के कोने-कोने से कलाकारों, शिल्पकारों और कलाकारों को एक छत के नीचे लाकर उनकी असाधारण प्रतिभा और सनातन परंपराओं को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। जहां प्रदर्शन, दृश्य और साहित्यिक कलाओं के लिए एक ही स्थान पर मंच उपलब्ध कराया गया है। महाकुंभ के 45 दिनों के दौरान, कलाग्राम गंगावतरण और समुद्र मंथन की कहानी को दर्शाने वाले अनुभव क्षेत्रों, महाकुंभ के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाले प्रदर्शनी क्षेत्रों, कारीगरों के कौशल, शास्त्रीय और लोक कलाकारों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन, सात्विक व्यंजनों की सुगंध और एक विशेष एस्ट्रो नाइट के माध्यम से रात के आकाश के अवलोकन के साथ एक आकर्षक सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा। कलाग्राम का उद्देश्य भारतीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को एक जीवंत मंच प्रदान करना है।

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Maha Kumbh 2025: कलाग्राम बना आकर्षण का केंद्र

साथ ही, सात क्षेत्रों में हस्तशिल्प की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए आकर्षक थीम पर प्रांगण बनाए गए हैं। जिसमें उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र थीम: दक्षेश्वर महादेव मंदिर, हरिद्वार, कला और शिल्प: नक्काशीदार लकड़ी की मूर्तियाँ, पीतल के शिव लिंगम, हाथ से बुने हुए ऊनी शॉल, रुद्राक्ष की माला आदि। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र थीम: ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर कला और शिल्प: मिट्टी के बर्तन, पारंपरिक राजस्थानी कठपुतलियाँ, टाई-डाई कपड़े, लघु चित्रकारी आदि।

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