Sandeshkhali: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जा करने समेत अन्य आपराधिक मामलों में जिस शेख शाहजहां की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। उसका पुराना आपराधिक रिकार्ड रहा है। सट्टा रोड पार्टी से जुड़े होने की वजह से पुलिस की हद तक उसके प्रति नरमी बरत रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उसके खिलाफ पिछले चार सालों में गंभीर अपराधों के 42 मामले दर्ज हुए लेकिन आज तक उसके खिलाफ एक वारंट तक जारी नहीं हुआ।
41 मामले में चार्जशीट दाखिल
42 मामले में से 41 में चार्जशीट दाखिल हो चुके हैं फिर भी पुलिस ने शेख शाहजहां को ‘भगोड़ा’ घोषित नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, उसके खिलाफ जितने भी मामले दर्ज हुए उनमें शिकायतकर्ता को या तो कोर्ट में पीछे हट जाना पड़ा या पुलिस ने राजनीतिक तौर पर उसके नाम को ही हटा दिया था। बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान को जब इन सभी मुद्दों पर प्रतिक्रिया के लिए फोन किया गया तो उन्होंने बिना बात किये फोन काट दिया।
शाहजहां ने कई लोगों की जिंदगी तबाह की
इलाके में उसका खौफ इस कदर है कि लोग उसके खिलाफ बोलने से घबराते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि, जिस पर भी उसकी आंखें लाल हुई, उसकी जिंदगी तबाह हो गई क्योंकि पुलिस आम लोगों के संरक्षक के बजाय उसकी मददगार रही है। 8 जून 2019 को न्याजात थाने के भंगीपारा में गोलीबारी में प्रदीप मंडल, सुकांत मंडल, देवदास मंडल की मौत हो गयी थी। मृतक के परिवार की ओर से नजात थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है। मृतक प्रदीप की पत्नी पद्मा ने कहा कि, ‘मैंने शाहजहां के नाम से शिकायत दर्ज कराई है। उस केस को सीआईडी ने ले लिया। जब आरोपपत्र अदालत में पेश किया गया तो पता चला कि, शाहजहां का नाम हटा दिया गया है। हमने सीबीआई जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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न्याजात थाने के सुंदरीखाली गांव के रहने वाले अरुण लश्कर ने दावा किया कि, ‘2017 में मेरी संपत्ति को लेकर विवाद के दौरान शेख शाहजहां के करीबी जियाउद्दीन ने राजबाड़ी चौकी के पास मेरी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया। विरोध करने पर पत्नी को पीटा गया।’ उन्होंने दावा किया कि, शाहजहां ने एक विरोध मार्च का नेतृत्व किया और गोलीबारी की, गोलीबारी में एक महिला घायल हो गई।
शाहजहां के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे शिकायतकर्ताओं को ही मामले में फंसा दिया गया था। 2009 में शाहजहां पर सरबेरिया में एक कार्यक्रम के दौरान मारपीट करने का आरोप लगा था। स्थानीय लोगों का दावा है कि, फिर भी शाहजहां के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। ऐसी अनगिनत शिकायतें हैं जिनमें शेख शाहजहां और पुलिस की मिली भगत से स्थानीय लोगों का जनजीवन नर्क बना रहा।
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