Ghaziabad News : गाजियाबाद पुलिस के साइबर क्राइम थाने ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने 10 राज्यों में करीब 32 वारदातों को अंजाम दिया था। पुलिस ने 52 लाख रुपये भी बरामद किये हैं। इस गिरोह के लोग विदेश में बैठे अपराधियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर रहे थे। उन्हें हर ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी कमीशन मिलता था। इनमें से दो आरोपी 12वीं पास हैं। पुलिस ने गूगल और एप्पल स्टोर्स से सभी फर्जी ऐप्स को हटाने के लिए पत्र लिखा है।
70 लाख रुपये की ठगी गई
पुलिस ने बताया कि 14 मार्च से 3 अप्रैल के बीच कुशल पाल सिंह से 70 लाख रुपये की ठगी की गई। उन्होंने 23 अप्रैल को थाने में मामला दर्ज कराया था। कुशल पाल सिंह के पास से पुलिस ने 29,57,774 लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि ठगों ने कुशल पाल को व्हाट्सएप ग्रुप “राम इन्वेस्टमेंट एकेडमी 146” और “टेक्सटार्स वीआईपी सर्विस” टीम से जोड़ा और उनसे ऐप डाउनलोड करवाया।
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शेयर ट्रेडिंग के नाम पर अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर किए। उन्हें ऐप पर लाभ की राशि दिखाने का लालच दिया गया और आय निकालने के लिए पैसे जमा करने के लिए मजबूर किया गया। गिरोह के खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में कुल 32 वारदातें दर्ज हैं। आरोपी रवि शर्मा और भानु राघव उर्फ विक्की 12वीं पास हैं, जबकि तीसरा आरोपी सुशील शर्मा बी।कॉम पास है।
फर्जी फर्मो के नाम पर खुलावते थे खाते
आरोपियों ने बताया कि मनोज कुमार कठैत के साथ मिलकर फर्जी फर्मों के नाम पर चालू खाते खुलवाते थे और उन्हें विदेश में बैठे ठगों के पास भेजते थे। ये लोग एट ओटीपी फॉरवर्ड ऐप का इस्तेमाल करते थे। इस ऐप के जरिए इंटरनेट के जरिए ओटीपी विदेश भेजा जाता था। इस घटना में इन लोगों ने मनोज कुमार कठैत के माध्यम से कठैत फाइनेंशियल सर्विसेज देहरादून नाम से फर्जी फर्म बनाई थी। कुशल पाल का पंजाब नेशनल बैंक, देहरादून की सहस्त्रधारा शाखा में खाता खोलकर धोखाधड़ी से पैसे हड़प लिए गए।