Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा (maa chandraghanta) की पूजन का विधान है। शुक्रवार को देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा हुई। अब शनिवार को माता चंद्रघंटा की आराधना होगी। मां दुर्गा का चंद्रघंटा रूप बेहद ही सुंदर, मोहक और अलौकिक है। चंद्र के समान सुंदर मां के इस रूप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है।
Shardiya Navratri 2024: मां चंद्रघंटा का स्वरूप
माता चंद्रघंटा के मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है इसलिए इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है, जो वीरता और शक्ति का प्रतीक हैं। मान्यता है कि जब असुरों का अत्याचार काफी बढ़ा तो देवताओं ने उनके संहार के लिए मां की आराधना की। इसके बाद मां ने चंद्रघंटा के रूप में असुरों का संहार किया।
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maa chandraghanta का भोग एवं प्रिय रंग
मां चंद्रघंटा की पूजा के समय साधक को सफेद, भूरा या स्वर्ण रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके साथ ही मां चंद्रघंटा को दूध से बने मिष्ठान अति प्रिय हैं। इसलिए इन दिन उन्हें दूध से बने मिष्ठान का भोग लगायें।
मां चंद्रघंटा की उपासना का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।