जगदलपुरः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को अपने बस्तर दौरे के दूसरे दिन अमर वाटिका में शहीद जवानों के परिजनों और नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों से चर्चा कर उनका दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि इस देश और छत्तीसगढ़ में किसी को भी अपने प्रियजनों को नहीं खोना पड़े, जैसे आप सबने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं उन सभी को अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो नक्सली हमलों में शहीद हुए और अपनी जान गंवाई। मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम मां दंतेश्वरी की धरती से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर देंगे।
पवित्र स्मृतियों को संजो रही सरकारः Shah
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पवित्र स्मृतियों को संजोने का काम कर रही है। इन स्मृतियों के माध्यम से शहीदों और आप सभी परिवारजनों के बलिदान को चिरस्थायी बनाया जाएगा। इससे भावी पीढ़ी को भी प्रेरणा मिलेगी कि शहीदों ने अपनों की चिंता किए बिना देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नक्सल उन्मूलन अभियान में पूरा सहयोग कर रही है। सरकार तीनों मोर्चों पर नक्सलवाद को खत्म करने के लिए काम कर रही है। उग्रवाद का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने वालों का स्वागत किया जाएगा।
व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदानः सीएम साय
उन्होंने कहा कि नक्सल अभियान के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया जा रहा है और जो लोग दूसरों की जान लेने पर आमादा हैं, उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब दिया जाएगा। भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस के जवान नक्सल मोर्चे पर मजबूती से काम कर रहे हैं। पिछले एक साल की सटीक रणनीति के कारण नक्सलवाद का दायरा कम हुआ है और विकास के कई कामों को गति देने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आपके परिजनों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर आपके हितों का ध्यान रखेगी। आप सभी के लिए जो बेहतर हो, हम संकल्प के साथ काम कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हम बस्तर में शांति और प्रगति के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों के परिजनों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों से मिलना चाहते थे। आप सभी हमारे परिवार का हिस्सा हैं और अपनों को खोने का यह दुख हम सभी को समान पीड़ा दे रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शहीद जवानों की यादों को संजोने के लिए उनके गांवों में प्रतिमा स्थापित करेगी। हम जल्द ही प्रत्येक शहीद की यादों को संजोने का काम पूरा कर लेंगे।
नारायणपुर जिले के ग्राम सरवाही के मनोज कुमार ध्रुव ने बताया कि उनके पिता राम साय ध्रुव को 9 मार्च 2018 को नक्सली घर से उठा ले गए थे। नक्सलियों द्वारा मुखबिरी के आरोप में गांव के पास खेत में गला रेतकर उनकी हत्या कर दी गई थी। मेरे पिता का क्या दोष था कि उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। मनोज ने राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे वर्तमान में होमगार्ड जवान के पद पर कार्यरत हैं।
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इसी तरह कोंडागांव जिले के ग्राम बांसकोट निवासी शांति नेताम ने बताया कि मेरे पति स्वर्गीय रतन लाल नेताम जिला पुलिस बल में कार्यरत थे। वे सामान्य दिनों की तरह कोंडागांव में पदस्थ थे। 17 मई 2012 को नक्सलियों द्वारा की गई गोलीबारी में वे शहीद हो गए थे। मुझे कुछ ही दिनों में अनुकंपा आधार पर आरक्षक के पद पर नौकरी दे दी गई थी। इसके साथ ही लगभग 88 पीड़ित परिवारों ने अपना दर्द साझा किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम आपके दुख को साझा करते हैं और जल्द ही बस्तर में शांति स्थापित होगी और विकास कार्य निर्बाध रूप से जारी रहेंगे।
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