चंडीगढ़ः शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस साल की अपनी आखिरी बैठक में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हाल ही में किए गए Encounter की न्यायिक जांच की मांग की है। पंजाब में पुलिस थानों पर ग्रेनेड हमलों के चलते हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में पंजाब के तीन युवकों को मार गिराया। मृतक युवकों के परिवार मुठभेड़ पर सवाल उठा रहे हैं।
मृतकों के परिवारों ने उठाई थी मांग
मृतकों के परिवारों की आशंकाओं का समर्थन करते हुए एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने मंगलवार को हुई बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। प्रारंभिक तौर पर ऐसा लग रहा है कि बहुत कम उम्र के युवकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया है। इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
एसजीपीसी की बैठक में 4 दिसंबर को पूर्व अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल पर फायरिंग के आरोपी आतंकी नारायण सिंह चौरा को पंथ से निष्कासित करने की मांग भी खारिज कर दी गई। कमेटी की बैठक में पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के मामले की जांच के लिए गठित कमेटी का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ाने का भी फैसला लिया गया। बैठक में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी दी गई।
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पीलीभीत में हुआ था Encounter
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पुलिस की मुठभेड़ तीन लोगों को मारा गया था। पुलिस ने बताया था कि यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकी मारे गए है। मारे गए आतंकियों के पास से दो एके-47 राइफल, दो ग्लॉक पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं। मारे गए आतंकियों में गुरदासपुर निवासी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह शामिल हैं।
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