लखनऊः राजधानी लखनऊ में पिछले कई दिनों से मौसम का रूख बदला हुआ है। इसको लेकर किसान भी परेशान हैं। किसान वैज्ञानिकों की सलाह है कि चैत्र माह के दौरान कटने वाला गेहूं तैयार है, लेकिन इसके लिए किसान अभी जल्दबाजी न करें।
मौसम वैज्ञानिकों की सलाह है कि किसान 20 मार्च के बाद ही फसल की कटाई करें। शहर में 17 मार्च को तेज हवाएं चलीं। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हुई। मौसम वैज्ञानिकों ने एक सप्ताह पहले ही चेतावनी दी थी कि 17 तारीख को मौसम बदला रहेगा, लेकिन अब कुछ ऐसी भी जानकारियां आ रही हैं कि यह मौसम करीब एक सप्ताह तक खराब रह सकता है। यदि यही हाल रहा तो कुछ फसलों पर विपरीत असर भी पड़ सकता है, इसीलिए किसान भी परेशान हैं। कुछ किसान अपने खेतों पर खड़ी पकी फसल को काटने के लिए बेचैन हैं, लेकिन मौसम वैज्ञानिक इसके लिए सलाह नहीं दे रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि खेतों पर खड़ी फसल पर बिगड़े मौसम का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, जबकि यही फसल कटी हुई खेतों में पड़ी रही, तो ज्यादा नुकसान होगा।
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कृषि वैज्ञानिक सत्येंद्र का कहना है कि खेतों में खड़ी फसल पर यदि बूंदाबांदी होती है, तो वह ज्यादा प्रभाव नहीं डालेगी। हवाओं और हल्की धूप के साथ यह जल्द ही सूख जाती है। यदि फसल को काटकर खेतों में डाल दिया गया और हवा चली या फिर बूंदाबांदी हुई, तो नुकसान होना स्वाभाविक है। कटी फसल जल्द सूखती नहीं है, जबकि हवाओं के साथ इसके उड़ने का डर भी ज्यादा रहता है। ऐसे में वैज्ञानिक सलाह दे रहे हैं कि आने वाले दिनों का रूख देखकर ही कटाई करें। कटाई के बाद ज्यादा इंतजार भी न करें। अमौसी मौसम विज्ञान केंद्र से जानकारी दी गई है कि 20 मार्च तक मौसम खराब रह सकता है। यह जानकारी भी किसानों को परेशान करने वाली है। जब तक खेत खाली नहीं हो जाते, आगे की फसल यानी कई सब्जियां भी नहीं बोई जा सकती हैं।
– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट
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