संसद की सुरक्षा में सेंध: आरोपी नीलम के समर्थन में उतरा संयुक्त किसान मोर्चा

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Security Breach in Parliament: संसद की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त एक बड़ी चूक हो गई जब सदन की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग चैंबर में कूद गए। इस घटना में गिरफ्तार लोगों में नीलम नाम की महिला भी शामिल है। अब खबर आ रही है कि संयुक्त किसान मोर्चा गिरफ्तार महिला के समर्थन में उतर आया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने महिला की रिहाई की मांग की है। हालांकि अब किसान नेता राकेश टिकैत ने इससे इनकार कर दिया है।

वहीं जींद के घसो कलां गांव रहने वाली नीलम के परिजनों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनकी बेटी कहां है। परिवार के लोग शुक्रवार को बेटी से मिलने दिल्ली जा सकते हैं। गांव में अभी भी शांति है। पुलिस प्रशासन या किसी भी एजेंसी का कोई भी अधिकारी अभी तक गांव में परिवार के पास जांच आदि के लिए नहीं पहुंचा है।

नीलम के समर्थन में उतारा किसान मोर्चा

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा नीलम के समर्थन में उतर आया है। नीलम की रिहाई को लेकर गुरुवार दोपहर को उचाना में पंचायत होगी और आगामी रणनीति तैयार कर निर्णय लिया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आजाद पलावन, सिक्किम सफाखेड़ी समेत कई लोग नीलम के परिजनों से मिलने पहुंचे और उन्हें पूरा समर्थन दिया और कहा कि वे उनके साथ खड़े हैं।

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किसान नेता सिक्किम सफाखेड़ी ने कहा कि नीलम ने संसद में जाकर अपनी आवाज उठाकर अच्छा काम किया है, सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए यह धमाका जरूरी था। सरकार रोजगार पर काम नहीं कर रही है और नीलम ने रोजगार के लिए आवाज उठाने का काम किया है। सिक्किम ने बताया कि नीलम किसान आंदोलन के दौरान सक्रिय थीं और दिल्ली में चल रहे पहलवानों के धरने के दौरान नीलम और उन्होंने अपनी गिरफ्तारी दी थी।

किसान नेता आजाद पालवां ने कहा कि घासो की बेटी नीलम ने किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों की आवाज उठाने का काम किया। नीलम ने संसद के बाहर से आवाज उठाई है, उन पर लगाई गई धाराएं गलत हैं। उनकी मांग है कि नीलम को जल्द से जल्द रिहा किया जाए, नहीं तो संयुक्त किसान मोर्चा कड़ा फैसला लेने को मजबूर होगा।

खूफिया एजेंसियां अलर्ट

संसद भवन में नीलम के पकड़े जाने के बाद खुफिया एजेंसियां हरकत में हैं। जिन्होंने गांव पहुंचकर नीलम से जुड़ी जानकारी जुटाई। उन्होंने ग्रामीणों और परिजनों से नीलम के बारे में गहन जानकारी भी ली। किसान संगठनों के अलावा प्रगतिशील संगठनों और केवाईएस संगठन से भी जुड़ने की बात कही गई है। साथ ही एजेंसी नीलम के अतीत और वर्तमान में किन-किन लोगों के संपर्क में थी। हमें जो संकेत मिल रहा है। फिलहाल एजेंसियां नीलम से जुड़े तथ्यों की जांच कर रही हैं।

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