GDR हेरफेर मामले में सख्त हुई सेबी, अरुण पंचारिया पर लगाया 26 करोड़ का जुर्माना

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SEBI : मार्केट कंट्रोलर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (GDR) जारी करने में हेरफेर के मामले में अरुण पंचारिया को 26.25 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस भेजा है। सेबी ने अपने नोटिस में अरुण पंचारिया को 15 दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया है और भुगतान नहीं करने पर गिरफ्तारी और चल-अचल संपत्ति जब्त करने की चेतावनी भी दी है।

जुलाई में पंचारिया पर लगा था 25 करोड़ का जुर्माना 

इसी साल जुलाई महीने में सेबी ने हिरन ऑर्गेनोकेम की ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट जारी करने में हेरफेर के आरोप में पंचारिया पर 25 करोड़ रुपये और मुकेश चौधरी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन अरुण पंचारिया यह जुर्माना भरने में असमर्थ थे। इसके बाद अब सेबी ने अरुण पंचारिया को 15 दिन के अंदर 26.25 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हीरन ऑर्गेनोकेम ने मई 2010 में 10 मिलियन डॉलर मूल्य की 15.38 लाख ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीदें जारी कीं, जिसका मूल्य कंपनी के 4.61 करोड़ शेयरों द्वारा निर्धारित किया गया था।

मतलब, मई 2010 में 4.61 करोड़ अंतर्निहित इक्विटी शेयरों के बदले 10 मिलियन डॉलर मूल्य की 15.38 लाख ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीदें जारी की गईं। इस मामले में धांधली के आरोप लगने के बाद सेबी ने इसकी जांच की। जांच से पता चला कि अरुण पंचारिया ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीद जारी करने के हर चरण में अहम भूमिका निभा रहे थे।

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जांच में पता चली ये बात

जांच में यह भी पता चला कि इस मामले में फर्जी तरीके से लोन लेकर ग्लोबल डिपॉजिट रिसीट हासिल की गई थी। इसके बाद ग्लोबल डिपॉजिट रिसीट को शेयरों में बदल दिया गया और बिना कर्ज चुकाए बेच दिया गया। इस पूरे मामले में मुकेश चौदरिया भी एक पक्ष थे। इसलिए सेबी ने उन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सेबी का आरोप है कि अरुण पंचारिया और मुकेश चौदरिया ने धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध नियम (पीएफयूटीपी) में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन किया।

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