रांची: श्री महावीर मंडल डोरंडा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष संजय पोद्दार और मंत्री पप्पू वर्मा ने जामताड़ा (Jamtara) में शुक्रवार को मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्कूल में छुट्टी दिए जाने की घटना की कड़ी शब्दों में निंदा की है। पोद्दार ने सोमवार को कहा कि क्या हेमंत सोरेन के राज्य में शरिया के नियम से स्कूल चलेंगे। झारखंड में मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्कूलों को मदरसा बनाने की साजिश तो नहीं। क्या अब झारखंड में कट्टरपंथी के नियमों से स्कूल चलेंगे। मालूम हो कि जामताड़ा (Jamtara) के मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूलों का साप्ताहिक अवकाश बदलने की खबर ‘इंडिया पब्लिक न्यूज’ ने प्रमुखता से पब्लिश की थी।
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उन्होंने कहा कि झारखंड (Jharkhand) के गढ़वा एवं जामताड़ा के स्कूलों में शरिया कानून कैसे लागू हुआ। वहां के शिक्षक, प्रिंसिपल ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचित क्यों नहीं किया। जामताड़ा (Jamtara) के 100 ऐसे स्कूल हैं, जहां विगत एक साल से शुक्रवार को छुट्टी हो रही है और एक साल से किसी को पता ही नहीं चला। आखिर झारखंड (Jharkhand) में तुष्टीकरण का एजेंडा कौन चला रहा है। उन्होंने कहा कि कहीं जामताड़ा को इस्लामिक स्टेट बनाने की साजिश तो नहीं। अगर ऐसा नहीं तो शुक्रवार को स्कूल में छुट्टी (Friday holiday in schools) क्यों। कहीं झारखंड के स्कूलों में मजहबी कट्टरपंथ तो नहीं। ऐसे कई सवाल है जो झारखंड के शिक्षा नीति को कटघरे में खड़ा करता है। गढ़वा में प्रशासन के संज्ञान में जब आया तो सिर्फ प्रार्थना शुरु हुई। वहां के प्रिंसिपल एवं जो लोग दबाव बनाकर इसे रुकवाये थे उन पर कारवाई क्यों नहीं हुई?
विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि झारखंड के स्कूल में जुम्मे की नमाज के लिए स्कूल में लंच ब्रेक के एक घंटा पहले छुट्टी दी जाती थी और लंच के बाद दो बजे के बाद स्कूल यथावत चलता था। वहीं, दूसरी ओर नियम सरकारी कर्मचारियों के लिए भी था। हमारे समय में भी वैसा ही होता था लेकिन विधायक कहीं ना कहीं जामताड़ा के स्कूलों में शरिया नियम लागू करना चाहते हैं, जो संपूर्ण झारखंड के लिए अच्छी बात नहीं है। मंडल सरकार से मांग करती है कि ऐसे लोगों को चिन्हित करे। वैसे स्कूल जहां शुक्रवार को छुट्टी हो रही थी उस स्कूल के प्रिंसिपल और वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी पर शक्त कार्रवाई हो।
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