हाइब्रिड सुनवाई के लिए एसओपी पर जजों की कमेटी और एससीबीए करेगा विचार

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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाइब्रिड सुनवाई के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) पर जजों की कमेटी औऱ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के बीच बैठक में विचार किया जाएगा। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया।

कोर्ट ने सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया कि वो जजों की कमेटी से आग्रह करें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के साथ बैठक फिक्स करें। यह सबके हित में होगा कि एसओपी पर बार के सदस्यों के साथ उभरे मतभेद दूर किए जाएं।

पिछले 12 मार्च को सुनवाई के दौरान एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा था कि हाईब्रिड तरीके से सुनवाई का फैसला करते समय बार एसोसिएशन से मशविरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा था कि इसमें दो पक्ष हैं। जब तक आपदा प्रबंधन कानून लागू था उस समय तक किसी को उस पर कुछ भी कहने का अदिकार नहीं था। लेकिन इसके आगे कोई फैसला करने से पहले कोर्ट को बार एसोसिएशन से सलाह करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों की सहूलियत से नियम नहीं बनाए जा सकते हैं।  

याचिका में एससीबीए ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने एसओपी जारी करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली गई। याचिका में कहा गया था कि न्यायिक प्रणाली में बार एसोसिएशन भी बराबर की हिस्सेदारी है। याचिका में कहा गया था कि एससीबीए इस बात को गंभीरता से महसूस किया है कि पिछले कुछ सालों से सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री बिना बार एसोसिएशन से सलाह लिए ही दिशानिर्देश जारी कर रही है।