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बाबा रामदेव ने बिना शर्त मांगी माफी, SC की फटकार के बाद बोले हमसे चूक हुई...

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Baba Ramdev: सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथी को लेकर भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव की माफी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपकी ओर से आश्वासन दिया गया था और फिर उल्लंघन हुआ। ये देश की सबसे बड़ी अदालत का अपमान है और अब आप माफ़ी मांग रहे हैं। यह हमें स्वीकार्य नहीं है। बेहतर होगा कि आप हलफनामा दायर करें। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।

कोर्ट के आदेश का उल्लंघन न हो

सुनवाई के दौरान आज बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश को हल्के में नहीं लिया जा सकता। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट बल्कि देश की किसी भी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। बाबा रामदेव की ओर से कहा गया कि वह कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को एक और मौका दिया। कोर्ट ने बेहतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। बाबा रामदेव और बालकृष्ण को अगली सुनवाई पर भी कोर्ट में पेश होना होगा। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने योग के क्षेत्र में बाबा रामदेव के काम की सराहना की। जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि बाबा रामदेव ने बेहतरीन काम किया है और उन्हें योग को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए।

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आचार्य बालकृष्ण बिना शर्त मांग चुके है मांफी

आचार्य बालकृष्ण ने 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में आचार्य बालकृष्ण ने विज्ञापन पर खेद जताया था और कहा था कि विज्ञापन में अपमानजनक वाक्यों पर हमें खेद है। आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि द्वारा उनके फॉर्मूलेशन की चमत्कारी क्षमताओं के बारे में किए गए भ्रामक दावों के लिए बिना शर्त माफी मांगी थी, जिसने आधुनिक चिकित्सा पर संदेह पैदा किया था।

पेशी के दौरान क्या बोले बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण ने खेद जताते हुए कहा था कि उन विज्ञापनों में केवल सामान्य बयान ही शामिल किए गए थे और अनजाने में आपत्तिजनक वाक्य भी शामिल कर दिए गए थे। पतंजलि आयुर्वेद की ओर से बालकृष्ण ने 21 नवंबर 2023 को दिए आदेश में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए कोर्ट में माफीनामा दाखिल किया था और कहा था कि भविष्य में भी उनकी ओर से ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे।

दरअसल, पिछली सुनवाई में नोटिस का जवाब न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने आचार्य बालकृष्ण को आज यानी 2 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने बाबा रामदेव को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था और पेश होने को कहा था।

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