मजदूरी और भिक्षावृत्ति में फंसे बच्चों के लिए खेवनहार बनेगा प्रशासन, उठाया ये कदम

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देहरादून: अब दून प्रशासन बाल श्रम और भिक्षावृत्ति (Child labour and beggary) के दुष्चक्र में फंसे बच्चों का मसीहा बनेगा। देहरादून के नए जिलाधिकारी सविन बंसल ऐसे जरूरतमंद लोगों के जीवन में शिक्षा का उजाला फैलाएंगे और उन्हें जीवन की नई राह दिखाएंगे और भिक्षावृत्ति जैसी बुराइयों से मुक्ति दिलाएंगे। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में भिक्षावृत्ति मुक्त देहरादून के संबंध में बैठक हुई। भिक्षावृत्ति को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने सख्त लहजे में कहा कि मुझे अपने जिले में कोई भी बच्चा भीख मांगता हुआ नहीं दिखना चाहिए।

जल्द ही लिया जाएगा बड़ा एक्शन

उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उन्हें भिक्षा की नहीं, शिक्षा की जरूरत है। इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। सीडब्ल्यूसी, आश्रय ट्रस्ट व अन्य समाजसेवी संस्थाओं ने जिलाधिकारी की पहल को सराहनीय कदम बताया। जिलाधिकारी की पहल पर बच्चों को गहन चिकित्सा केंद्र में विधिवत भर्ती कराकर अनुकूल माहौल में शिक्षा प्रदान की जाएगी। दो रेस्क्यू वाहन 24 घंटे गश्त कर भिक्षावृत्ति के सिलसिले को तोड़ेंगे। इसके लिए मोबाइल यूनिट बढ़ाई जाएंगी। छह मोबाइल शिक्षा वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। यह वाहन शहर में घूमकर बच्चों को रेस्क्यू कर सीडब्ल्यूसी तक पहुंचाएंगे। जल्द ही जिले में दो पेट्रोलिंग वाहन चलाए जाएंगे। भिक्षावृत्ति रोकने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ 12 होमगार्ड-पीआरडी तैनात करने के निर्देश दिए हैं।

बच्चों के लिए बनेगा गहन चिकित्सा केंद्र

जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत को गहन चिकित्सा केंद्र के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। केंद्र में बच्चों के लिए ऐसा शैक्षणिक माहौल तैयार किया जाएगा, जिससे बच्चे उक्त माहौल की ओर आकर्षित हों। इससे बच्चे स्कूल व अन्य गतिविधियों की ओर आकर्षित होंगे और उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। इस दिशा में सीडब्ल्यूसी, आसरा ट्रस्ट, समर्पण सोसायटी व अन्य संगठनों के पदाधिकारी तथा मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रम विभाग, बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, पुलिस व अन्य संबंधित विभाग प्रभावी ढंग से कार्य करेंगे।

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डीएम ने आम जनता से की अपील

जिलाधिकारी ने कहा कि भीख मांगने में फंसे बच्चों के परिजनों को इन मासूम बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही सामाजिक संगठनों की मदद से इन मासूम बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। इतना ही नहीं, जो लोग इन बच्चों को भीख देते हैं, उन्हें भी इस बारे में जागरूक किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जो लोग बच्चों को भीख देते हैं, उनसे भी अनुरोध है कि वे भीख देना बंद करें, बल्कि इन मासूम बच्चों को भीख देने की जगह शिक्षा देने का प्रयास करें, ताकि आने वाले दिनों में भीख मांगने में फंसे बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे।

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