नई दिल्लीः मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अचानक तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। कोर्ट से बाहर निकलते समय बेचैनी महसूस की जिसके बाद उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया। बता दें कि गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सत्येंद्र जैन को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। इस दौरान ईडी की मांग पर कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की रिमांड 13 जून यानी पांच दिन और बढ़ा दी है।
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दरअसल मंत्री को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्यालय ले जाया जा रहा था। तभी उन्हें अदालत के बाहर बेचैनी महसूस हुई। ईडी के अधिकारी द्वारा उन्हें अस्पताल ले गए। जैन के वकील ने कहा कि उनकी ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई है। मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद जैन को सुबह राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। हालांकि कोर्ट ने जैन की हिरासत 13 जून तक बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि सत्येन्द्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। जैन की पेशी के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया। ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री ऑपरेटर्स तक पहुंचा। ये एंट्री ऑपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे। ये फर्जी कंपनियां थी। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था। प्रयास नामक एनजीओ के जरिये काला धन से कृषि भूमि खरीदी गई।
कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा था कि क्या आप 2015-17 के लेनदेन की बात कर रहे हैं। तब मेहता ने कहा था कि हां। मेहता ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया। मेहता ने कहा था कि हमें ये पता लगाना है कि पैसा किसी और का लगा था कि नहीं, इस पैसे से किसको लाभ हुआ इसका पता लगाना है। उन्होंने कहा था कि ये मामला केवल 4.81 करोड़ का ही नहीं है।
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