Sanjeev Jeeva Murder Case: राजधानी लखनऊ के सिविल कोर्ट रूम में बुधवार को कुख्यात गैंगेस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद प्रशासन हर तरफ खलबली मची हुई। शूटआउट के बाद अधिकारी अब एक्शन में आ गए। साथ ही मेन गेट पर तैनात छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा इस मामले की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया है।
वकीलों ने दी कार्य बहिष्कार की धमकी
उधर इस शूटआउट के बाद अब कोर्ट की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे। वकीलों ने कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ना होने का आरोप भी लगाया। वकीलों ने गुरुवार को पूरे दिन न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। साथ ही जल्द ही व्यवस्था को दुरुस्त न करने पर अनिश्चितकालीन धरने की भी चेतावनी दे डाली। वहीं मामले को बढ़ता देख अधिकारियों ने लखनऊ की जिला अदालत में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
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बढ़ाई गई लखनऊ कोर्ट की सुरक्षा
लखनऊ जिला न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने परिसर में लोगों की औचक तलाशी, भविष्य में अधिवक्ताओं और वादकारियों के लिए अलग प्रवेश द्वार और अदालत के सभी प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले, जिला न्यायाधीश ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) नीलाब्जा चौधरी और जिला मजिस्ट्रेट सूर्य पाल गंगवार के साथ बैठक की। उन्होंने कोर्ट परिसर में लोगों की औचक तलाशी लेने के निर्देश दिए, ताकि अवांछित तत्वों को जिला अदालत में प्रवेश करने से रोका जा सके। उन्होंने उन्हें अदालत के सभी प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा कड़ी करने का भी निर्देश दिया।
डीजीसी (अपराध) मनोज त्रिपाठी ने कहा, निगरानी समिति की बैठक में यह सुझाव दिया गया कि वकीलों और वादकारियों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होने चाहिए, ताकि जिला अदालत में प्रवेश करने वालों की ठीक से जांच की जा सके। त्रिपाठी ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर सभी वकीलों को पहचान पत्र भी जारी कर दिया जाएगा।
फिलहाल लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप नारायण मिश्रा ने कहा कि वकीलों ने अदालती कार्यवाही का बहिष्कार नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं।
गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के सीविल कोर्ट पेशी पर आए कुख्यात गैंगेस्टर संजीव जीवा (Sanjeev Jeeva Murder) की कोर्ट रूम में घुसकर दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर पुलिस सुरक्षा में निर्मम हत्या कर दी थी। हालांकि बाद में पुलिस ने हत्यारोपी युवक को हिरासत में ले लिया था। इसी हत्याकांड के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन न्यायालयों की सुरक्षा को लेकर सतर्क नजर आया।
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