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Sandeshkhali: महिला आयोग ने लिया संज्ञान, व्यक्ति की चिंता

नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali) में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में आयोग की ओर से तथ्यान्वेषी समिति ने अपनी रिपोर्ट में संदेशखाली में महिलाओं की दयनीय स्थिति की कड़ी निंदा की है।

अधिकारियों पर भी आरोप

क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ गंभीर हिंसा और धमकी की रिपोर्टों के मद्देनजर स्थिति का आकलन करने के लिए 12 फरवरी को एनसीडब्ल्यू की एक टीम ने संदेशखाली का दौरा किया। टीम के निष्कर्षों में पाया गया कि पश्चिम बंगाल सरकार और कानून प्रवर्तन अधिकारियों की ओर से लापरवाही और मिलीभगत के कारण हिंसा हो रही है और कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। एनसीडब्ल्यू सदस्य डेलिना खोंगडुप ने संदेशखाली की अपनी यात्रा के दौरान स्थानीय पुलिस अधिकारियों के रवैये पर गहरी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कथित तौर पर एनसीडब्ल्यू के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया और टीम को कोई सहायता नहीं दी। आयोग के सदस्य ने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं से बातचीत के आधार पर पता चला कि वहां महिलाओं को न सिर्फ प्रताड़ित किया जा रहा है, बल्कि वे सुरक्षित भी नहीं हैं। पीड़ितों ने आयोग को बताया कि पुलिस अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों ने उनके साथ शारीरिक और यौन हिंसा की। यह भी पढ़ेंः-Lok Sabha Election 2024: राममय माहौल में होगा चुनाव, साउथ साधने की कोशिश कर रही BJP जिन महिलाओं ने इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ बोलने का साहस किया, उन्हें तत्काल प्रतिशोध का सामना करना पड़ा। इसमें उनकी संपत्ति को जब्त करना, परिवार के पुरुष सदस्यों की मनमानी गिरफ्तारी शामिल थी। आयोग के सदस्य ने कहा कि वहां डर इतना ज्यादा था कि एनसीडब्ल्यू समिति द्वारा ली गई महिला की गवाही की रिकॉर्डिंग को उसकी सुरक्षा के मद्देनजर हटाना पड़ा। पश्चिम बंगाल में यह स्थिति चिंताजनक है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)