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संदेशखाली: टीएमसी की गुंडागर्दी

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन में अत्याचार की जड़ें कितनी गहरी हैं इसका सबूत पिछले कई सालों से लगातार सामने आ रहा है। पहले यहां जब वामपंथियों की सरकार थी तब जो अत्याचार हो रहे थे, वही अत्याचार आज ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लोग कर रहे हैं। कल के वामपंथी आज ममता के साथ खड़े हैं। जिस अत्याचार से ममता सत्ता में आईं, उससे मुक्ति की उम्मीद लेकर यहां की आम जनता अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। अगर हम पश्चिम बंगाल को गहराई से देखें तो ऐसा प्रतीत होता है कि जो नियम और संविधान पूरे भारत में प्रचलित है, वह आज इस राज्य में मौजूद नहीं है। यहां टीएमसी के लिए एक नियम है और दूसरों के लिए अलग नियम है। हालात इतने खतरनाक हैं कि कोई नहीं जानता कि कब और कहां बम फट जाएगा। यहां कई जिलों में रात महिलाओं की चीख-पुकार के साथ गुजरती है। महिलाओं का दर्द ममता बनर्जी को नहीं दिखता अब तक 1250 शिकायतें सामने आ चुकी हैं। पश्चिम बंगाल का दर्द भले ही संदेशखाली इलाके से निकला हो, लेकिन उसे दबाया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में यहां तीन हमले हो चुके हैं। लोगों को डराया जा रहा है। खासकर महिलाओं पर हमले हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल में हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महिला होने के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यहां की महिलाओं का दर्द नजर नहीं आ रहा है। राज्य में कितनी अराजकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले संदेशखाली इलाके में 18 फरवरी से अब तक 1250 शिकायतें मिल चुकी हैं। "संदेशखाली" यौन उत्पीड़न का नया अड्डा है, इसका खुलासा आज हो गया है। अनुसूचित जनजाति आयोग को आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न की 50 शिकायतें मिली हैं। प्रशासन को जमीन कब्जाने की 400 शिकायतें मिली हैं। पीड़ितों द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास दर्ज करायी गयी अधिकतर शिकायतें जमीन पर जबरन कब्जा करने और महिलाओं से दुष्कर्म व यौन शोषण की हैं। कुल मिलाकर पिछले हफ्ते शेख शाहजहां के खिलाफ 700 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं।

फिर बैठा डर, थमने लगीं अत्याचार से जुड़ी आवाजें:

यहां यह भी देखा गया है कि जो महिलाएं कल तक खुलकर अपनी आवाज उठा रही थीं, वे आज अचानक चुप हो गई हैं। जिन लोगों पर अत्याचार हुआ उनकी आवाज भी दबा दी गई है।' जब उनसे उनकी चुप्पी का कारण पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा, 'माफ करें, हम बात नहीं कर सकते।' यहां की आम महिलाएं अब दबी आवाज में बोल रही हैं कि कल जब आरोपी जेल से छूट जाएंगे तो हमें कौन बचाएगा। शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ बोलने वालों पर हमले हो रहे हैं। उन्हें बचाने कोई नहीं आ रहा है। ममता की पुलिस टीएमसी के उपद्रवियों की बात सुनती है। तीन दिन में तीन बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस मौजूद है, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में अब शिकायत किससे करें? गांव में कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार महिलाएं कौन हैं और अब कहां हैं? जिन दो महिलाओं ने पहले शिकायत की थी, वे लापता बताई जा रही हैं।

शाहजहाँ शेख के भाई सिराजुद्दीन के अत्याचार भी सामने आने लगे:

sandeshkhali-tmc-hooliganism संदेशखाली में अब तक टीएमसी के उपद्रवियों में तीन नाम प्रमुख थे- शाहजहाँ शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार, लेकिन अब शाहजहाँ शेख के भाई सिराजुद्दीन का नाम डॉक्टर उपनाम है। यह बात भी सामने आ गई है। यह बात सामने आई है कि ये ग्रामीणों की जमीन हड़पने, उन्हें डराने, भगाने, महिलाओं से दुष्कर्म करने और उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित करने में शामिल हैं। कुछ लोग हिम्मत करके इसके विरोध में आगे आये हैं, लेकिन अब उन्हें डर है कि भविष्य में उनका भी वही हश्र हो सकता है जो शाहजहाँ शेख के भाई सिराजुद्दीन अन्य प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करके कर रहे हैं।

पाकिस्तान, सीरिया, ईरान, अफगानिस्तान जैसे हालात:

ये भारतीय जनता पार्टी की कोशिशों का नतीजा है जिसने 'संदेशखाली' के मुद्दे पर ममता सरकार को पीड़ितों की शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मजबूर किया। अन्यथा यहां वर्षों से पुलिस संरक्षण में अत्याचार होता रहा और प्रशासन मौन रहा। पश्चिम बंगाल के 'संदेशखाली' इलाके में ही नहीं, कई जगहों पर हिंसा और अराजकता का माहौल है। अगर आप यहां जाएंगे तो आपको लगेगा ही नहीं कि आप भारत के किसी इलाके में घूम रहे हैं। आपको पाकिस्तान, सीरिया, ईरान, अफगानिस्तान में तालिबान शासन के अधीन होने का अनुभव मिलता है। संदेशखाली की तरह राज्य के कई हिस्सों में महिलाओं पर अत्याचार की कई घटनाएं हर दिन हो रही हैं। इस एक घटना से भी हम समझ सकते हैं कि पूरे पश्चिम बंगाल की स्थिति कितनी भयावह है। राज्य के मुर्शिदाबाद के हरिहरपाड़ा से जब ये घटना सामने आई तो मैं दिल तक रोया। यहां एक 13 साल की हिंदू लड़की का शव खेतों में मिला, जिसके साथ रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। बंगाल पुलिस ने बड़ी चालाकी से पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश की। जब पीड़ित परिवार की बात नहीं सुनी गई तो परिवार ने न्याय के लिए कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जब आदेश दिया गया और शव को जमीन से बाहर निकाला गया तो दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया। क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गई थीं। हत्यारों ने पहले लड़की के साथ दुष्कर्म किया, फिर उसके दोनों स्तन काट दिए। इसके बाद उसकी दोनों आंखें निकालकर फेंक दी गईं, फिर उसे दफना दिया गया। लड़की के परिवार वालों ने बताया कि इतना ही नहीं उसके शरीर पर कई जगह काटने के साफ निशान थे। आरोप है कि जब परिवार ने पुलिस से पोस्टमार्टम के लिए कहा तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। शव का पंचनामा कर शव को दोबारा दफना दिया। इसके बाद मृतक के परिजन मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को शव को बाहर निकालकर उसका पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया। 20 दिन बाद बच्ची का शव निकाला गया। तभी उसके साथ हुई दरिंदगी का पर्दाफाश हो सका। अब यहां बड़ा सवाल यह है कि जिस पश्चिम बंगाल में ममता राज में पुलिस इस तरह से मामलों को दबाने की कोशिश करती है, क्या उस राज्य के किसी भी हिस्से में उचित जांच की उम्मीद की जा सकती है?

शेख शाहजहां के लोगों के निशाने पर हिंदू:

sandeshkhali-tmc-hooliganism संदेशखाली में हिंदू महिलाओं पर ममता बनर्जी के गुर्गे शेख शाहजहां द्वारा लगातार अत्याचार करने का आरोप है। ऐसे कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें पीड़ित हिंदू यह कहते नजर आए कि उन्हें पता है कि शेख शाहजहां ने हिंदू महिलाओं के साथ रेप और हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया है, लेकिन अगर उन्होंने कुछ कहा तो उनके साथ भी ऐसा ही होगा। । किसी प्रकार की घटना घट सकती है। उनके घर जला दिये जायेंगे। वे मारे जायेंगे। वहां के हिंदू इतने डरे हुए हैं कि कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पूरे क्षेत्र में खुलेआम सिर्फ हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। शेख शाहजहां के लोगों द्वारा न सिर्फ हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल में हर जिले में हिंदुओं की संपत्ति और संपत्ति को निशाना बनाया जा रहा है।

इस राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए:

राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आज कहा कि यह बंगाल के लोगों की आवाज है, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। यहां के लोग सिर्फ रोटी, कपड़ा, मकान और शांति चाहते हैं, लेकिन आज बंगाल अशांत है। वह जल रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बंगाल अराजकता, अनैतिकता और अत्याचार की राजधानी बन गया है। अगर ममता बनर्जी की आंखों में थोड़ी भी शर्म बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके बावजूद भी ममता सरकार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है, ये उसकी बेशर्मी की हद है। आज वह कह रही हैं कि 'संदेशखाली' में कुछ हुआ ही नहीं है। ये बीजेपी झूठ फैला रही है। ममता बनर्जी की सरकार ने तो राज्यपाल की रिपोर्ट को बेबुनियाद करार दे दिया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर संदेशखाली में सबकुछ ठीक है तो फिर यहां गिरफ्तारियां क्यों हो रही हैं? कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संदेशखली में हिंदू महिलाओं से सामूहिक बलात्कार और उनकी जमीनों पर अवैध कब्जा करने के आरोपी टीएमसी नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने का आदेश क्यों दिया है? कोर्ट ने टीएमसी सरकार को क्यों लगाई फटकार? यह भी पढे़ंः-Dehradun: उच्च शिक्षा में शुरु होंगी ये सात नवीन योजनाएं, युवाओं के सपनों को मिलेगी ऊंची उड़ान फिलहाल ऐसा नहीं लगता कि मुख्यमंत्री ममता अपनी, अपने प्रशासन और टीएमसी कार्यकर्ताओं की गलती स्वीकार करेंगी। विपक्ष के तौर पर बीजेपी को भी यहां लंबी जद्दोजहद का सामना करना पड़ेगा। आज केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल के संबंध में अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल आयोग, महिला आयोग आदि सभी संवैधानिक संस्थाओं की सिफारिशों को प्राथमिकता पर लेने की जरूरत है। साथ ही बंगाल के कुशासन को खत्म करने के लिए यह जरूरी हो गया है कि ममता बनर्जी को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री पद से मुक्त किया जाए। डॉ. मयंक चतुर्वेदी (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)