Friday, January 3, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशSambhal ASI Survey: पत्थरों से बनी संरचनाएं व सीढ़ियां आईं सामने

Sambhal ASI Survey: पत्थरों से बनी संरचनाएं व सीढ़ियां आईं सामने

Sambhal ASI Survey: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी में मुस्लिम बाहुल्य मोहल्ले लक्ष्मणगंज में मिली प्राचीन बावड़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वेक्षण और उत्खनन कार्य मंगलवार को लगातार 11वें दिन भी जारी रहा। एएसआई टीम के निर्देशन में प्राचीन बावड़ी से मिट्टी खोदने और निकालने का काम जारी है।

Sambhal ASI Survey: आज क्या-क्या मिला

आज बावड़ी की दूसरी मंजिल, पत्थरों से बनी संरचनाएं और सीढ़ियां सामने आईं। शाम करीब पांच बजे तक चंदौसी नगर पालिका के 50 मजदूर बावड़ी की सफाई में लगे रहे। इसके बाद खुदाई रोक दी गई। अब बुधवार को दोबारा खुदाई की जाएगी। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि एएसआई और नगर पालिका की तीन सदस्यीय टीम के सहयोग से मंगलवार को भी दर्जनों मजदूर बावड़ी की खुदाई में लगे रहे। बावड़ी की दूसरी मंजिल, पत्थरों से बनी संरचनाएं, सुरंगनुमा रास्ते और दर्जनों सीढ़ियां दिखाई देने लगी हैं। कुएं की पूरी संरचना और बावड़ी के गलियारों की सफाई का काम जारी है।

Sambhal ASI Survey: जिलाधिकारी को लिखा गया पत्र

उधर, दो दिन पूर्व रविवार को एक व्यक्ति द्वारा बावड़ी में शंख बजाने और कुछ पर्चे बांटने के बाद पुलिस और पीएसी की चौकसी सख्त हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने बावड़ी परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। पूर्व सांसद ने प्राचीन बावड़ी को पुरातत्व विभाग या पर्यटन विभाग को सौंपने की मांग उठाई। जैसे-जैसे एएसआई की देखरेख में उत्खनन कार्य आगे बढ़ रहा है, कई बातें स्पष्ट होती जा रही हैं।

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मुरादाबाद लोकसभा से पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री स्व. राजा चंद्रविजय सिंह उर्फ ​​बेबी राजा के प्रतिनिधि कौशल किशोर ने कल संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया को दिए प्रार्थनापत्र में चंदौसी के मोहल्ला लक्ष्मणगंज स्थित प्राचीन बावड़ी को पुरातत्व विभाग या पर्यटन विभाग को सौंपने की मांग की है, ताकि संभल जिले के साथ ही पूरे मुरादाबाद मंडल के लोगों को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में पर्यटन के लिए स्थान मिल सके। उनके पूर्वज बताया करते थे कि उत्तर प्रदेश में बावड़ियाँ बहुत कम स्थानों पर बनाई गई हैं।

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