Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद से करीब 200 मीटर की दूरी पर गुरुवार को एक और ऐतिहासिक कुआं ( well ) मिला है। मौके पर अभी भी खुदाई का काम जारी है। यह कुआं हिंदू बहुल इलाके में मिला है। इसे ‘मौत का कुआं’ भी कहा जाता है। यह एक जागृत कुआं है। संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने यह जानकारी दी। इससे पहले चंदौसी के लक्ष्मणगंज में एक बावड़ी मिली थी, जिसकी खुदाई पिछले पांच दिनों से चल रही है। यह बावड़ी सदियों पुरानी बताई जा रही है।
Sambhal News : ASI ने बावड़ी का किया निरीक्षण
बता दें कि 25 दिसंबर को संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम ने चंदौसी में स्थित पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी का निरीक्षण किया था। एएसआई की टीम ने फिरोजपुर किले का भी निरीक्षण किया था। टीम के साथ डीएम और एसपी भी मौजूद थे। डीएम-एसपी के साथ टीम के सदस्य बावड़ी के अंदर गए और दीवारों को छूकर उसका पूरा निरीक्षण किया। टीम ने तोता-मैना की कब्र भी देखी थी।
Sambhal News : सुरक्षा के लिए बनाई गई चारदीवारी
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा था कि संभल प्राचीन नगर रहा है। इस नगर में इतिहास से लेकर वर्तमान तक के अनेक अवशेष उपलब्ध और दर्शनीय हैं। इन्हें संरक्षित और सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में एएसआई की टीम आई थी। उन्होंने बताया था कि फिरोजपुर का किला पहले से ही एएसआई के संरक्षण में है। इसकी सुरक्षा के लिए ASI ने चारदीवारी बनवाई है।
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इसके बावजूद आसपास के लोग आते-जाते रहते हैं। अब एएसआई इस ओर ध्यान देगी। नीमसार का दूसरा कुआं सबसे जागृत कुआं है। इसमें जल मिलता है। वह तीर्थ भी जागृत है। यहां 10-12 फीट की गहराई पर जल है। तोता-मैना की कब्र थोड़ी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। इसे संरक्षित करने की जरूरत है। इसके अलावा राजपूत काल की बावड़ी जो पृथ्वीराज के समय बनी थी, बहुत सुंदर और भव्य है, इसे भी संरक्षित करने की जरूरत है।