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शहादत को सलाम, बिहार का लाल कैप्टन आशुतोष कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद

 

मधेपुराः कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ रोकने के दौरान हुई गोलीबारी में बिहार के मधेपुरा जिले के बेटे कैप्टन आशुतोष शहीद हो गए। इससे पहले उन्होंने दो अतंकियों को ढेर कर दिया था। मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड के भतरंधा परमानपुर के वार्ड नंबर 17 के जागीर गांव निवासी आशुतोष (24) रविन्द्र भारती के इकलौते बेटे थे। उनकी अभी शादी नहीं हुई थी।

जून 2018 में घर से बगावत कर सेना में जाने वाले आशुतोष पर आज पूरा देश फक्र महसूस कर रहा है। आशुतोष छठ पर्व पर घर आने वाले थे। रविन्द्र भारती का कहना है, गम में हूँ, लेकिन बेटा देश के लिए शहीद हुआ है, यह गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि घर में जिद्द करके वह एनडीए में गया था। सेना में जाने को लेकर इतना जुनून सवार था कि एक नहीं दो-दो बार उसने एनडीए का फॉर्म भर दिया था।

रविन्द्र ने बताया कि जब पहली बार आशुतोष ने फॉर्म भरा था तो इंटरव्यू में समय रह गया था। तब तक दूसरी बार फॉर्म आ गया था। अपनी संतुष्टि के लिए उसने फिर से दोबारा फॉर्म भी भर दिया था। हालांकि उनका चयन पहली ही बार मे हो गया था। सैनिक स्कूल भुनेश्वर से पढ़ाई करने वाले आशुतोष शुरआत से मेधावी रहे थे। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद एकसाथ मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा निकाल लिया था।

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पिता ने बताया कि उन्होंने आशुतोष को सिविल में नौकरी करने की सलाह दी थी, लेकिन जिद्द कर वह इंडियन मिलट्री अकादमी में भर्ती हुआ। अभी करीब एक वर्ष पूर्व प्रमोशन हुआ, जिसके बाद वह कैप्टन बनाये गए थे। घर के इकलौते पुत्र आशुतोष के परिवार में माता-पिता और दो बहनें हैं। बड़ी बहन अतिथि शिक्षक हैं, जबकि छोटी बहन पीजी में अध्यनरत है। पिता पशुपालन विभाग में कार्यरत हैं और मां गृहणी है।