Sakshi Malik: रोते हुए साक्षी मलिक ने कुश्ती से लिया संन्यास, बोलीं- शोषण के लिए तैयार रहिए

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Sakshi Malik Retirement: रियो ओलंपिक 2016 में में इतिहास रचने वाली साक्षी मलिक ने 21 दिसंबर 2023 को दुखी मन से रोते हुए कुश्ती से संन्यास ले लिया है। 31 वर्षीय भारतीय महिला पहलवान साक्षी ने इतना बड़ा कदम बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ ( WFI) के अध्यक्ष बनने के बाद उठाया।

जूते मेज पर रखकर कहा मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं

संन्यास का ऐलान करते हुए साक्षी मलिक रो पड़ी। उन्होंने रोते हुए कहा, जो आज फेडरेशन के अध्यक्ष बने हैं…हमें पता था कि वो अध्यक्ष बनेंगे। बृजभूषण को वह बेटे से भी ज्यादा प्यारे हैं… अब तक जो पर्दे के पीछे हो रहा था वह अब खुलेआम होगा, हम अपनी लड़ाई में सफल नहीं हुए। हमने अपनी बात सबको बता दी है। पूरे देश में मशहूर होने के बावजूद वह एक सही इंसान नहीं बन पाए।

मैं अपनी आने वाली पीढ़ियों से कहना चाहती हूं कि शोषण के लिए तैयार रहें।’ साक्षी मलिक ने रोते हुए कहा कि हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए। पर हम नहीं जीत पाए, लेकिन आप सभी का धन्यवाद। इतना कहते ही साक्षी ने अपने जूते उठाकर मेज पर रख दिए और कहा मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं।

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वहीं बजरंग पुनिया ने कहा, खेल मंत्रालय ने वादा किया था कि WFI के बाहर से कोई फेडरेशन में आएगा। जिस तरह से पूरा सिस्टम काम कर रहा है, मुझे नहीं लगता कि बेटियों को न्याय मिलेगा। हमारे देश में न्याय बचा ही नहीं है, न्याय तो अदालतों में ही मिलेगा, जिसके लिए हमने संघर्ष किया, आने वाली पीढ़ियों को उससे भी अधिक संघर्ष करना पड़ेगा। सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया।

2016 रियो ओलंपिक में रचा था इतिहास

बता दें कि साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं। हालांकि, अब वह मैट पर अन्य पहलवानों के लिए चुनौती बनती नजर नहीं आएंगी। 31 साल की साक्षी मलिक ने 2016 के रियो ओलंपिक में 58 किलोग्राम भार वर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता और महिला कुश्ती में ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनीं।

इसके अलावा उन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल, 2018 में ब्रॉन्ज मेडल और 2014 में सिल्वर मेडल जीता था। एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने चार बार देश का नाम रोशन किया था और मेडल जीतने में सफल रहे थे।

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