भोपालः क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सोमवार को रेडियो कॉलर वाली भारत की पहली बाघिन की मौत पर दुख व्यक्त किया। मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत 15 जनवरी को हो गई थी। ‘कॉलरवाली’ नाम की बाघिन की मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तेंदुलकर ने ट्वीट किया, वन्यजीव प्रेमी और उत्साही ही समझेंगे कि जब एक राजसी बाघिन हमेशा के लिए खामोश हो जाती है तो यह कितना दिल तोड़ने वाला होता है। शांति से रहें, कॉलरवाली। छिंदवाड़ा जिले में पेंच टाइगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा बाघिन का अंतिम संस्कार रविवार को पूरे सम्मान के साथ किया गया, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी।
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29 शावकों को जन्म देने के बाद सुपर मॉम का खिताब भी हासिल करने वाली ‘कॉलरवाली’ 17 साल तक जीवित रही और लंबी बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई। पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि एक बाघ की औसत उम्र करीब 12 साल होती है। मिश्रा ने कहा, पोस्टमॉर्टम में मृत्यु के कारण के रूप में वृद्धावस्था के कारण आंतों में रुकावट सहित कई अंग काम न करने का पता चला।
‘कॉलरवाली’ पेंच में रेडियो कॉलर वाली पहली बाघिन थी। कुछ महीनों बाद कॉलर ने काम करना बंद कर दिया। साल 2010 में उसे फिर से रेडियो-कॉलर किया गया और इसीलिए उसका नाम ‘कॉलरवाली’ या टी15 बाघिन रखा गया।
उसने पहली बार 2008 में तीन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन वे जीवित नहीं रह सके। आखिरी बार, 2018 में बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया, जिससे उसके शावकों की संख्या 29 हो गई, जिनमें से 25 बच गए।
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