नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को लक्षित कर चलाए जा रहे दुर्भावना पूर्ण अभियान कभी सफल नहीं होंगे।
विदेश मंत्री ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि भारत को लक्षित कर चलाए जा रहे दुर्भावना पूर्ण अभियान कभी सफल नहीं होंगे। भारत आज आत्मविश्वास से भरा हुआ है और अपनी स्थिति मजबूत रखेगा और इस तरह के अभियानों को पीछे धकेल देगा। विदेश मंत्री ने उनके मंत्रालय की ओर से संभवतः पहली बार बुधवार को जारी ट्विटर के दो हैशटैग #इंडियाटूगेदर (एकजुट भारत) और #इंडियाअगेंस्टप्रोपेगेंडा (दुष्प्रचार के खिलाफ भारत) का भी उपयोग किया है।
इसी बीच विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार को लोकसभा में बताया है कि किसी भी विदेशी सरकार ने भारतीय संसद द्वारा पारित तीन विधेयकों के विरुद्ध भारतीय किसानों के आंदोलन का समर्थन नहीं किया है। कनाडा, यूके, यूएसए और कुछ यूरोपीय देशों में कुछ भड़काए गए भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा भारतीय किसान विधेयक से संबंधित मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो ने भारत में किसानों से जुड़े मुद्दों पर टिप्पणी की है।
हमने ओटावा और नई दिल्ली दोनों जगह कनाडा के प्राधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है और उन्हें यह बताया है कि भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित ऐसी टिप्पणियां अनुचित, अस्वीकार्य हैं और इससे भारत-कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। कनाडा सरकार ने किसानों की चिंताओं के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किसानों के साथ चल रही बातचीत हेतु भारत सरकार की प्रतिबद्धता का स्वागत किया है।
उल्लेखनीय है कि पॉप स्टार रिहाना, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा टुमबर्ग और पाकिस्तानी मूल की सामाजिक कार्यकर्ता मलाला ने किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया पर ट्वीट के जरिए समर्थन व्यक्त किया है। भारत में उनके ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी कर आपत्ति व्यक्त की है।
विदेश मंत्रालय ने किसान आंदोलन के बारे में टिप्पणी करने वालों को सलाह दी कि वह इस मामले में कुछ बोलने से पहले तथ्यों की जानकारी तथा पूरे मामले की सही समझ हासिल करें। नामी-गिरामी और अन्य लोगों द्वारा हैशटैग के जरिए सोशल मीडिया पर सनसीखेज बातों को प्रचारित करना न तो तथ्य परक है, न ही जिम्मेदाराना।