वाशिंगटनः यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका ने यूक्रेन को घातक हथियार देने का ऐलान किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को आश्वस्त किया है कि इन्हें हरसम्भव अतिरिक्त सैन्य सहायता देने के लिए अमेरिका कृत संकल्प है। बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों के सदस्यों को वर्चुअली संबोधन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाऊस में ब्रिफिंग की। बाइडेन ने कहा कि वह जेलेंस्की और उनके नौजवानों के शौर्य की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को अस्सी करोड़ डालर के मूल्य की अतिरिक्त सैन्य सहायता अपने आप में अभूतपूर्व है। अमेरिका अब तक यूक्रेन को एक अरब डॉलर से अधिक की अतिरिक्त मदद करने का ऐलान कर चुका है।
ये भी पढ़ें..देश भर में पहले दिन 12-14 आयु वर्ग के 2.6 लाख से ज्यादा बच्चों को लगी टीके की पहली खुराक
अमेरिका के पास 2,600 जेवलिन मिसाइलें
बाद में व्हाइट हाऊस प्रवक्ता ने बताया कि इस सैन्य सहायता में छह सौ लड़ाकू विमान भेदी स्टिंगर मिसाइलें हैं तो 2600 जेवलिन मिसाइलें हैं, जो रूसी टैंकों को भेदने में कारगर सिद्ध हुई हैं। इनके अलावा लड़ाकू हेलीकाप्टर और बड़ी संख्या में मिलिटरी वाहन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन की ओर से नो फ़्लाई ज़ोन की मांग को तो पूरा नहीं कर सकते। इस मांग को पूरी किए जाने का अर्थ यूरोप में रूस से सीधे लड़ाई मोल लेना है। ऐसा करने से यह लड़ाई यहीं नहीं रुकेगी, यह विश्व युद्ध में बदल सकती है।
गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के 21 दिन पूरे होने बाद दोनों देशों के बीच युद्ध विराम के लिए कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद बुधवार को सकारात्मक संकेत दिखने को मिले हैं। दोनों पक्षों के बीच किसी समझौते के आसार दिखने लगे हैं।यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक तरफ वार्ता के अधिक सार्थक होने की बात कही है, वहीं रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन के तटस्थ देश बनने की सहमति के साथ समझौते की उम्मीद बन सकती है। यूक्रेन को नाटो में नहीं शामिल होने की मांग रूस शुरू से कर रहा था। जिसके तहत यूक्रेन नाटो का मोह छोड़कर सीमित सेना के साथ स्वीडन की तरह तटस्थ देश की भूमिका में रहे। यूक्रेन के नाटो में शामिल होने फैसले के चलते बात इतनी बढ़ गई। वार्ता में यूक्रेन से रूस यही सुनना चाहता है कि वह नाटो से बाहर रहेगा।
समझौते की बढ़ी उम्मीद
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने मीडिया से कहा कि कुछ कारणों से दोनों पक्षों के बीच बातचीत आसान नहीं है। लेकिन किसी समझौते पर पहुंचने की उम्मीद बंधी है। सुरक्षा की गारंटी के साथ यूक्रेन के तटस्थ देश की स्थिति पर गंभीरता से चर्चा हुई। कुछ मुद्दों को मूर्त रूप देने का प्रयास हुआ है। मेरे विचार से हम समझौते के करीब पहुंच रहे हैं। उधर, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि दोनों पक्ष यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं। यदि वह आस्ट्रिया या स्वीडन की तरह कम सेना के साथ तटस्थ देश का रुख अपनाता है तो बात बन सकती है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)