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Fraud: लोन दिलाने के नाम पर ग्रामीण महिलाओं से ठगे 30 करोड़ रुपए, एफआईआर दर्ज

रायपुरः बालोद जिले में ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से लोन दिलाने के नाम पर 30 करोड़ से अधिक की ठगी (Fraud) का मामला सामने आया है। जिले के गुरुर ब्लॉक के करीब तीस गांवों की सौ से अधिक महिलाओं ने विधायक संगीता सिन्हा के नेतृत्व में शनिवार को गुरुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। एक बैंक कर्मचारी ने बताया कि अन्नपूर्णा, जन बैंक, अविरल, ग्राम शक्ति, इंसाफ, सत्या जैसी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से महिलाओं के साथ धोखाधड़ी कर उनके नाम पर लाखों रुपए का लोन लिया गया है।

Fraud का मास्टरमाइंड फरार

इस मामले में सप्तऋषि संस्थान से जुड़ी आरोपी खोलबाहरा कैवर्त्य और नारागांव निवासी सरिता करियाम और उसके पति चंद्रहास के खिलाफ थाने में आवेदन दिया गया है। बालोद विधायक संगीता सिन्हा और उनके पति पूर्व विधायक भोलाराम सिन्हा ने आज रविवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड सप्तऋषि संस्थान से जुड़ी मुख्य आरोपी खोलबाहरा कैवर्त्य है, जो फरार है। उन्होंने बताया कि ठगी की शिकार महिलाओं ने उनके कार्यालय में आकर इस ठगी की जानकारी दी, जिसके बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। विधायक ने बताया कि दो वर्ष पूर्व सप्तऋषि संस्थान के खोलबहरा नामक व्यक्ति ने विभिन्न बैंकों व निजी फाइनेंस कंपनियों से 50 हजार का लोन दिलाने के नाम पर ग्रामीणों से पांच हजार रुपये मांगे थे।

लोन दिलाने का वादा करके की ठगी

पीड़ित महिलाओं ने बताया कि उसकी बातों में आकर उन्होंने एक दर्जन से अधिक बैंकों व निजी फाइनेंस कंपनियों से महिला समूह के नाम पर लोन ले लिया। विधायक श्रीमती सिन्हा ने बताया कि स्वरोजगार के नाम पर बैंकों से लोन लिया गया। यदि किसी महिला के लिए 50 हजार का लोन लिया जा रहा है तो संबंधित महिलाओं को पांच हजार दिए गए। बाकी पैसे यह कहकर अपने पास रख लिए गए कि बाकी पैसे अन्यत्र निवेश कर दिए जाएंगे। किस्तें भी खुद ही भरने की बात कही। 75 समूहों के माध्यम से 200 से अधिक महिलाओं ने एक बैंक से 35 हजार से 50 हजार तक का लोन लिया है। कुछ माह तक सप्तऋषि ट्रेडर्स के नाम पर किस्तें जमा कराई गईं।

बाद में किस्तें आनी बंद हो गईं। किस्तें बंद होने के बाद महिलाओं को नोटिस मिलने लगे। सप्तऋषि संस्थान से जुड़े मुख्य आरोपी खोलबाहरा कैवर्त्य ने कई महिलाओं से 50 रुपए के स्टांप पेपर पर पैसों के लेनदेन से संबंधित शपथ पत्र भी भरवाए हैं। अकेले नारागांव में 13 लाख रुपए की ठगी सामने आई है। पीड़ित महिलाओं ने नारागांव निवासी सरिता करियाम और उसके पति चंद्रहास के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दिया है, क्योंकि इनके कारण दर्जनों लोग ठगी का शिकार हुए हैं।

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नारागांव की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अपने गांव की सरिता करियाम के झांसे में आकर लोन लिया था। विधायक ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं की अशिक्षा का फायदा उठाया गया है, आठ से दस बैंकों के माध्यम से प्रत्येक महिला के नाम पर तीन से चार लाख रुपए निकाले गए हैं। बालोद जिले के विभिन्न गांवों के महिला समूहों ने कलेक्टर जनदर्शन में भी इसकी शिकायत की है। विधायक ने आशंका जताई है कि जांच करने पर ठगी का दायरा प्रदेशव्यापी हो सकता है।

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