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डॉलर के मुकाबले लगातार गिरता जा रहा रुपया, अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

नई दिल्लीः डॉलर के मुकाबले रुपया की गिरावट लगातार जारी है। आज एक बार फिर भारतीय मुद्रा ने डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लो का नया रिकॉर्ड बनाया। ये लगातार चौथा दिन है, जब डॉलर के मुकाबले रुपये ने लो लेवल का रिकॉर्ड बनाया है। अभी तक के कारोबार में डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 20 पैसे की गिरावट के साथ 79.83 रुपये के स्तर तक जा चुकी है।

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9 पैसे की कमजोरी के साथ 79.72 के स्तर पहुंता रुपया

इंटर बैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपये ने आज 9 पैसे की कमजोरी के साथ प्रति डॉलर 79.72 के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। इसके पहले बुधवार को भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 79.63 रुपये के स्तर पर बंद हुई थी। हालांकि कल भी रुपये ने कारोबार के बंद होने के पहले डॉलर के मुकाबले 79.66 के स्तर तक गिरकर लो लेवल का नया रिकॉर्ड बनाया था। आज के कारोबार की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले 9 पैसे की गिरावट के झटके से रुपया संभल भी नहीं सका था, उसके पहले ही डॉलर की मांग में जोरदार तेजी आ गई। डॉलर की मांग में जोरदार तेजी आने की वजह से भारतीय मुद्रा अगले 1 घंटे के कारोबार में ही 20 पैसे की कमजोरी के साथ ऑल टाइम लो के नए रिकॉर्ड के साथ 79.83 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गई।

मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के मुताबिक विदेशी निवेशकों की ओर से भारतीय बाजार में लगातार की जा रही बिकवाली और अपना पैसा निकालने की प्रवृत्ति की वजह से भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग बढ़ गई है, जिसके कारण रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है। इसके साथ ही डॉलर इंडेक्स की मजबूती की वजह से भी रुपये की कीमत पर दबाव बन गया है। खासकर अमेरिका में लगातार बढ़ती महंगाई और उसकी वजह से अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के कारण भी डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है। जिसका प्रतिकूल असर भारतीय मुद्रा रुपये पर पड़ रहा है।

दुनिया की ज्यादातर मुद्राओं पर दबाव

मयंक मोहन के अनुसार अमेरिकी निवेशक दुनिया भर के देशों में किए गए अपने निवेश को निपटा कर अपना पैसा वापस अमेरिका ला रहे हैं। इससे जहां एक ओर डॉलर की मजबूती बढ़ी है, वहीं दुनिया की ज्यादातर मुद्राओं पर दबाव जैसे हालात बन गए हैं। सिर्फ बुधवार को ही अमेरिकी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 2,839.52 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी, जिससे भारतीय मुद्रा बाजार से डॉलर की एक झटके में काफी बड़ी निकासी हो गई। ऐसा होने से रुपये पर भी काफी दबाव बन गया।

आज के कारोबार में भी विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में नेट सेलर (बिकवाल) की भूमिका बनाए हुए हैं। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी के कारण शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली का ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली से मुद्रा बाजार पर सुबह से ही दबाव बना हुआ है। माना जा रहा है कि रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही हस्तक्षेप कर सकता है। इसके तहत विदेशी मुद्रा भंडार के रास्ते मुद्रा बाजार में डॉलर का प्रवाह बढ़ाने जैसे उपायों पर भी विचार किया जा सकता है।

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