
जयपुरः शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून के तहत शुक्रवार को राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने समस्त गैर सरकारी विद्यालयों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन लॉटरी निकाली। RTE के तहत प्रदेश के 37 हजार 345 प्राइवेट स्कूल में लगभग 2 लाख सीटों पर जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान में अब तक 9 लाख से ज्यादा छात्र शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निशुल्क शिक्षा का लाभ ले चुके हैं। भविष्य में भी हम इसे जारी रखेंगे। ताकि जरूरतमंद बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिल सके।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकारी स्कूलों के प्रबंधन में सुधार करने की सलाह भी दी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बेहतर शिक्षक (RTE Admission) होने के बावजूद हम कमजोर प्रबंधन के कारण ही निजी स्कूलों से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। जबकि निजी स्कूलों में प्रबंधन बेहतर तरीके से होता है। उन्होंने कहा कि हम निगरानी नहीं कर पा रहे हैं। जबकि हमारे पास प्रशिक्षित स्टाफ है। जिन्हें पूरी तनख्वाह और सारी सुविधाएं दी जाती हैं।
लेकिन प्रबंधकीय कमियों के कारण हम उनका पूरा काम नहीं उठा पा रहे हैं। जबकि निजी स्कूलों में हमसे कम प्रशिक्षित शिक्षक हैं। वहीं, कई जगहों पर शिक्षकों को पूरा वेतन भी नहीं मिलता है। लेकिन वहां शिक्षकों से सख्ती से काम लिया जाता है, इससे लोगों में निजी स्कूलों का क्रेज बना हुआ है। ऐसे में हमें भी अपने प्रबंधन में सुधार करना होगा।
18 लाख से ज्यादा छात्रों ने किया आवेदन
गौरतलब है कि इस बार प्रदेश भर के 5 लाख 38 हजार 579 विद्यार्थियों ने विभिन्न स्कूलों में प्रवेश के लिए 18 लाख से अधिक आवेदन किया था। इनमें 664 अनाथ, 363 कैंसर और एचआईवी पीड़ित, 478 विकलांग, 40,183 बीपीएल और युद्ध विधवाओं के 1067 बच्चे शामिल हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए 29 मार्च से 10 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया था।
आरटीई अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को प्रवेश स्तर की कक्षा में कुल सीटों की 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश देना होगा। बाकी 75 फीसदी सीटों पर वे फीस लेकर प्रवेश दे सकते हैं। राज्य सरकार 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त प्रवेश का भुगतान करती है। बच्चा जिस वार्ड या गांव का है उसे उसके क्षेत्र के निजी स्कूल में पहली प्राथमिकता दी जाती है।
सीट खाली होने पर दूसरे वार्ड के बच्चे को प्रवेश दिया जाएगा। दरअसल लॉटरी के बाद लोगों को 5 निजी स्कूलों में से किसी एक को ऑनलाइन रिपोर्ट करना होता है, लेकिन कई लोग ऐसा करना भूल जाते थे। लेकिन शिक्षा विभाग ने इस बार ऑटो रिपोर्टिंग की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
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