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Mohan Bhagwat बोलें- भगवान महावीर ने सहिष्णुता, अहिंसा और सत्य का मार्ग दिखाया

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार को जैन तीर्थकर भगवान महावीर को राष्ट्रीय चेतना का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि, उनका मार्गदर्शन भारत की निरंतर बहती ज्ञान परंपरा का हिस्सा है। ये ज्ञान हमें सबके प्रति सहिष्णुता, अहिंसा और सत्य का मार्ग दिखाता है। डॉ. भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली प्रांत की ओर से सोमवार को भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण वर्ष पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कल्याणक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर संघ प्रमुख ने कहा कि, भारतीय विचार सहिष्णुता का संदेश देता है। हमारा मानना है कि, सत्य एक ही है लेकिन अलग अलग स्थानों पर होने की वजह से हमें उसका भान अलग प्रकार से होता है। ऐसे में हम अपने दृष्टिकोण को ही सही कहें, उसके लिए दूसरों से लड़ें और न मानने पर उसे मार दें, सही नहीं है। संघ प्रमुख ने गांधीजी के कहे हुए वचनों को उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि, दुनिया में सबकी जरूरतें पूरा करने के लिए संसाधन मौजूद हैं लेकिन सबके लालच को पूरा करने के लिए संसाधन नहीं है। भारत का दर्शन वसुधैव कुटंबकम की बात करता है और सबको साथ लेकर सबकी जरूरतों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने का संदेश देता है। Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष को राहत नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब 15 फरवरी को होगी सुनवाई कार्यक्रम में जैन समाज के चारों पंथों के मुनिश्री और संघ के दिल्ली प्रांत के पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान जैन मुनियों ने भी देश की एकता पर बल दिया और कहा कि, जैन धर्म एक वैज्ञानिक धर्म है। कार्यक्रम में प्रज्ञासागर जी मुनिराज, सुनील सागर जी मुनिराज, राजेन्द्र मुनि जी, विदुषी शिष्या साध्वी अणिमा श्री जी और महासाध्वनी प्रीति रत्नाश्री जी मौजूद रहीं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)